भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (Central Zone Electricity Distribution Company) के लिए मुखबरी तो की गई, लेकिन लोग इनाम लेने के लिए नहीं आए। मुखबरी व कंपनी के अधिकारियों के निरीक्षण (Inspection) के चलते हजारों बिजली चोरी (Electricity Theft) के केस दर्ज हुए। बिजली कंपनी (Electricity Company) ने करोड़ों रूपए की बिलिंग भी की है। यदि लोग मुखबरी के बदले में कंपनी से पैसे मांगते तो मोटी रकम लोगों को मिल सकती थी, लेकिन वे सूचना देने तक ही सीमित रहे।
कंपनी ने बिजली चोरों को पकडऩे के लिए ने योजना शुरू कर दी है, जिसके अंतर्गत उस व्यक्ति को इनाम दिया जाएगा, जो कंपनी को बिजली चोरी (Electricity Theft) करने वालों के बारे में बताएगा। 7 हजार 500 रुपए या बिजली चोरी की राशि का 8.5 प्रतिशत पैसा दिया जाता है। सूचना देने वाले का नाम भी गोपनीय रखने का प्रविधान है। बिजली चोरी की सूचना के लिए 1912 नंबर जारी किया गया है। स्थानीय अधिकारी को सूचना देने वाले का नाम नहीं पता रहता है। वर्तमान में लाइन लास कम करने के लिए बिजली चोरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। पांच महीने में खासी संख्या में चोरी के केस पकड़े गए हैं।
दो तरीके से की जा रही है चोरी
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्र में बिजली की चारी दो तरीके से होती है। शहर में तारों पर कटिया डालकर बिजली चोरी की जाती है। यह कटिया रात के समय डाली जाती है। कटिया वाले क्षेत्रों की जानकारी कंपनी को आसानी से मिल जाती है। कटिया की भी सूचना बिजली कंपनी को देते हैं। वहीं मीटर में सर्किट लगाकर उसकी गति धीमी कर दी जाती है। इससे मीटर रीडिंग का बिल काफी कम रहता है। इस चोरी की जानकारी कंपनी को आसानी से नहीं मिलती है। इस तरह की चोरी की लोग सबसे ज्यादा सूचना कंपनी को देते हैं।
कोविड-19 की वजह से दो महीने रफ्तार रही धीमी
अप्रैल व मई में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ गया था। इस कारण शहर में चल रहे सभी अभियान को रोक दिया गया। अप्रैल और मई में चोरी पकडऩे का आंकड़ा कम रहा। हर अधिकारी को कनेक्शन चैक करने का टारगेट दिया गया है। यदि टारगेट पूरे नहीं करते हैं तो अगले महीने की वेतन नहीं मिलेगी। बिजली कंपनी ने बकायेदारों के खिलाफ भी अभियान शुरू कर दिया है। इस बार एक लाख से ज्यादा के बकायदारों की खबर ली जा रही है।
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