इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर ज़िले की महू पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो पहले किराए पर कार लेता, फिर उसके फर्जी (fake) कागज़ बनाकर उसे गिरवी रख पैसे उधार लेकर फरार हो जाता. पुलिस ने आरोपियों के पास से 5 करोड़ की कीमत की 44 गाड़ियां भी बरामद की हैं.
ग्रामीण एसपी महेशचंद्र जैन (Maheshchandra Jain) के मुताबिक,पुलिस के पास बीते कुछ समय से कई लोग शिकायत लेकर आ रहे थे कि उनसे देवेंद्र (Devendra) नाम के एक शख्स ने गाड़ी किराए पर ली. लेकिन ना तो उसने कुछ समय से किराया दिया और ना ही मांगने पर गाड़ी वापस कर रहा है.
पुलिस को पहले ये यह आपसी विवाद का मामला लगा लेकिन जब एक ही युवक पर आरोप लगाते हुए कई सारे लोग पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिस ने इसे गंभीरता लिया. पुलिस ने आरोपी देवेंद्र को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ शुरू की. शुरुआत में तो आरोपी ने पुलिस को चकमा देने की कोशिश की लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने सच उगल दिया.
अनोखा था ठगी का तरीका
एसपी महेशचंद्र जैन के मुताबिक, आरोपी देवेंद्र जो कि इंजीनियरिंग (Engineering) का छात्र रह चुका है उसने पूछताछ में बताया कि ‘जल्दी अमीर बनने की लालच में उसने यह काम शुरू किया था. उसने बताया कि पहले यह लोग अच्छी कंडीशन (Condition) वाली गाड़ी के मालिक को ज्यादा पैसों का लालच देकर गाड़ी किराए पर लेते थे.
उसके बाद कुछ महीनों तक गाड़ी मालिक को किराया भी चुकाते थे, जिससे किसी को शक ना हो. इस बीच गाड़ी के फर्जी कागज़ बनाये जाते थे और फिर दूसरे शहर और जिलों में जाकर गाड़ी गिरवी रखने से जो पैसे मिलते थे उसे आपस मे बांट लेते थे.
देवेंद्र ने बताया कि उसके इस काम मे 3 और लोग भी उसके साथ शामिल थे. बयान के आधार पर पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया है. चारों आरोपियों की निशानदेही पर 44 गाड़ियां बरामद कर ली गईं हैं, जिनकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. बरामद गाड़ियों (recovered vehicles) को थाना परिसर में खड़ा किया गया है, लेकिन उनकी संख्या इतनी ज्यादा है कि जगह कम पड़ गयी. जिसके बाद मैदान में गाड़ियां खड़ी करनी पड़ी.
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