उज्जैन। एक बार फिर से बिजली के दामों में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। छह माह के अंतराल में दूसरी बार उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा। पहली बार जनवरी में बढ़ोतरी की गई थी अब जुलाई में करने की तैयारी है। दूसरी ओर संगठन भी इसके विरोध में लामबंद होने लगे हैं। सड़क पर आंदोलन से लेकर ट्रिब्यूनल में जाने की तैयारी है। जानकारों का कहना है कि जुलाई से बिजली 8.32 फीसदी महंगी होने के आसार हैं। घरेलू बिजली के 200 यूनिट के बिल में 145 और 300 यूनिट के बिल में 296 रुपए बढकऱ आ सकते हैं। हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के बाद राज्य विद्युत नियामक आयोग नया टैरिफ लागू करने की तैयारी कर रहा है। जनवरी में बिजली दरों में 1.98 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।
ट्रिब्यूनल में देंगे चुनौती
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे कहते हैं कि नियामक आयोग सरकार की कठपुतली है। नियामक आयोग का जो आदेश होगा उसे हम सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी ट्रिब्यूनल में चुनौती देंगे। कांग्रेस नेता सौरभ नाटी शर्मा कहते हैं कि पहले से ही बिजली के दाम बढ़े हुए हैं। दाम बढ़ते हैं, इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
2629 करोड़ का घाटा दर्शाया
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने फरवरी में विद्युत नियामक आयोग के सामने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घरेलू बिजली दरें 8.32 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। कंपनी ने वार्षिक राजस्व यानी एआरआर में 2629 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया है। इसकी भरपाई के लिए दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया था। अभी 200 यूनिट खपत का वास्तविक बिल सभी चार्ज मिलाकर 1774 रुपए बन रहा है। इसमें 8.32 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी तो यह करीब 1919 रुपए का होगा।
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