जबलपुर। बारिस के मौसम शहरवासियों के लिये मुसीबत भरा है, जिसका कारण स्मार्ट सिटी के अधूरे प्रोजेक्ट व सीवर की कच्छप गति के कार्य है। लॉकडाउन अवधि में जिन कार्यो को तेजी से पूरा कर लोगों को राहत पहुंचाई जा सकती है, वह बारिश शुरु होने के बाद भी पूरे नहीं हो सके है, जो कि लोगों के लिये बड़ी मुसीबत बन गये है। जगह-जगह सड़कों पर खोदे गये गड्डों में पानी भरते ही वाहन फंसने लगे है और लोगों के भी दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ गया है। गत दिवस जहां नगर निगम चौक पर एक कार गोखे गए गढ्ढे में फस गई थी, वहीं रामपुर में भी एक कार ऐसे ही गढढ़े में गिरते-गिरते बची। गनीमत रही की कार गहरे गढ्ढे के अंदर नहीं गिरी नहीं तो कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता था। उल्लेखनीय है कि विगत कई वर्षो से सीवर लाईन का काम चल रहा है और पूर्व की कंपनियां काम छोड़ चुकी है, आलम ये है कि बारिस के मौसम में कई कालोनियों में गंदा सीवेज का पानी घरों तक में घुसता है, जिसकी शिकायतें ननि कार्यालय में भरी पड़ी है। वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर भी जिम्मेदारों ने दूरदर्शिता का परिचय नहीं दिया और शहरवासियों को एक मर्तबा मुसीबतों में ढकेल दिया है। घंटाघर वाली रोड हो या फिर तीन पत्ती से स्मार्ट सिटी जाने वाले कार्यालय का मार्ग, जहां निर्माण कार्य के दौरान जगह-जगह गड्डें खोद दिये गये है, जबकि जानकारों की माने तो कोरोना संक्रमण काल में जारी जनता कफ्र्यू के दौरान उक्त कार्यो को तेज गति से किया जा सकता था, ताकि न तो लोगों को ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता और न ही गड्डों में फंसने का डर रहता। बीती देरशाम शुरु हुई बारिस के बाद सड़कों में पानी भर जाने से कई वाहन गड्डों में फंस गये, जिसमें दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन शामिल है।
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