नई दिल्ली. ऑनलाइन खरीदारी के शौकीनों को राहत देते हुए सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों की सेल पर रोक लगाने की खबर को खारिज कर दिया है. सरकार ने साफ किया है कि ग्राहकों की शिकायतों के बाद ही ई-कॉमर्स कंपनियों पर कार्रवाई होगी. इसके साथ ही नए ड्राफ्ट में सरकार ने फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने का इंतजाम भी किया है.
कोरोना (corona) की वजह से ई-कॉमर्स कंपनियों का कारोबार बढ़ा है. वहीं ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार के तौर तरीकों पर हमेशा से दुकानदारों को ऐतराज रहा है. इन्होंने सरकार से इसकी शिकायत भी की है. सरकार भी रिटेलर्स (Retailers) की भावनाओं को ध्यान में रखकर ऑनलाइन शॉपिंग के लिए नियम तय करने की प्रक्रिया में लगी हुई है.
अभी इसका केवल ड्राफ्ट तैयार हुआ है. लेकिन नियमों के फाइनल होने से पहले ही खबर फैल गई कि सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर गलत तरीके से भारी छूट (Flash Sale) और मिस सेलिंग पर लगाम लगाने वाली है. इसके बाद ऑनलाइन शॉपिंग पर भारी छूट दिलाने वाली फ्लैश सेल के बंद होने की आशंका तेज हो गई.
लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों के डिस्काउंट और SALE पर कोई रोक नहीं लगेगी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर डिस्काउंट और सेल जारी रहेगी. मंत्रालय ने साफ किया है कि नया ड्राफ्ट, ई-कॉमर्स पोर्टल की बिजनेस एक्टिविटी पर कोई रोक नहीं लगाएगा.
फ्लैश सेल के बहाने ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी और फर्जी कंपनियों पर रोक लगाने के लिए नए प्रावधान ड्राफ्ट रूल में शामिल किए गए हैं. सरकार ने साफ किया है कि हर फ्लैश सेल की जांच नहीं होगी. जांच के दायरे में वही सेल (Sale) आएंगी जिसे लेकर कोई शिकायत की जाएगी.
उपभोक्ता मंत्रालय ने ड्राफ्ट की जानकारी भी साझा की है. इसके मुताबिक हर प्रोडक्ट के इम्पोर्ट या मैन्युफैक्चरिंग (manufacturing) की पूरी जानकारी मुहैया करानी होगी. साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियों को ये बताना होगा कि प्रोडक्ट किस देश से मंगवाया गया है.
दरअसल, इस सारे विवाद की जड़ फ्लैश सेल (flash sale) को ही माना जा रहा है. सरकार को ग्राहकों, ट्रेडर्स और कई व्यापार संघों से ई-कॉमर्स के कामकाज करने के तौर तरीकों को लेकर कई शिकायतें मिली थीं. अब सरकार ने साफ किया है कि अगर किसी फ्लैश सेल को लेकर शिकायत मिलेगी तो उसकी जांच की जाएगी. हालांकि फिलहाल भले ही फ्लैश सेल को हरी झंडी मिल गई है. लेकिन अभी भी CCI की जांच का खतरा ई-कॉमर्स कंपनियों पर मंडरा रहा है. अगर वाकई ये कंपनियां नियमों का उल्लंघन करते मिलीं तो फिर इनके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved