भारत (India) ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि अब वक्त आ गया है कि पड़ोसी मुल्क को आतंकवाद (terrorism) की मदद करने और उसे बढ़ावा देने का जिम्मेदार ठहराया जाए,साथ ही भारत ने वहां लोगों को बल पूर्वक गायब करने, हत्याएं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं तथा अल्पसंख्यकों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखने के मामलों का जिक्र किया।
आतंकवाद के सभी रूपों से कड़ाई से निपटने की जरूरत
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (united nations human rights council) के एक सत्र में भारत ने कश्मीर का मुद्दा उठाने और एक वार्षिक रिपोर्ट पर बातचीत के दौरान भारत के खिलाफ बेसिर पैर के आरोप लगाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने कहा,‘‘आतंकवाद मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करता है और उसके सभी रूपों से कड़ाई से निपटने की जरूरत है।’’
जबरन कराया जाता है धर्म परिवर्तन
बाधे ने कहा कि हमने धार्मिक अल्पसंख्यकों की नाबालिग लड़कियों के अपहरण, बलात्कार, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी की खबरें देखी हैं। पाकिस्तान में हर साल धार्मिक अल्पसंख्यकों से ताल्लुक रखने वाली 1000 से ज्यादा लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। उन्होंने कहा कि “ईसाइयों, अहमदिया, सिखों, हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों का कठोर ईशनिंदा कानूनों, जबरन धर्मांतरण और विवाह और न्यायेतर हत्याओं के माध्यम से व्यवस्थित उत्पीड़न, पाकिस्तान में एक नियमित घटना बन गई है। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के पवित्र और प्राचीन स्थलों पर हमला किया गया है और तोड़फोड़ की गई है।
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