नई दिल्ली. देश में कोरोना की दूसरी (Coronavirus In India) लहर बहुत घातक थी. व्यस्कों के साथ ही बच्चों पर इसके गंभीर असर दिखे. कोरोना की दूसरी लहर में जो सबसे परेशान करने वाली स्थिति पायी गई वह है लॉन्ग कोविड (Long covid). यानी कोविड-19 से उबरने के बाद भी लोगों में लक्षण बने रहते हैं. या फिर संक्रमण से उबरने के बाद कुछ और बीमारियां उन्हें अस्थायी तौर पर घेर लेती हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.
दुबे ने बताया ‘कोविड -19 की दूसरी लहर दौरान बच्चों में संक्रमण के मामले ज्यादा देखे गए. मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS) वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है. हालांकि बच्चों में लंबे समय तक कोविड के लक्षणों के बारे में डेटा बहुत ज्यादा नहीं हैं, लेकिन कई मामलों की रिपोर्ट्स से यह संकेत मिल रहे हैं कि बच्चों में भी व्यस्कों की तरह कोविड से उबरने के बाद लक्षण हो सकते हैं.’
लॉन्ग कोविड के लक्षणों में थकान, कम भूख, सीने में दर्द, सिरदर्द, शरीर में दर्द, चक्कर आना, गले में खराश और कंसंट्रेशन यानी किसी विषय या काम पर ध्यान की कमी पाई जा सकती है. डॉ. दुबे ने बताया कि लॉन्ग कोविड से उबरने के लिए आराम और पानी पीते रहना जरूरी है. ऐसे में बच्चों में लॉन्ग COVID लक्षण के दिखाई देते हैं या थकान की शिकायत होती है तो पर पढ़ाई का बोझ डालने के बजाय उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘छह महीने से कम उम्र के कोविड से ठीक हुए बच्चों लिए स्तनपान जरूरी है. साथ ही फाइबर, विटमिन, मिनरल और प्रोटीन के साथ अच्छा पोषण भी जल्दी ठीक होने में मदद करता है. बड़े बच्चों के लिए कुछ सांस लेने के वाले कुछ एक्सरसाइज भी फायदेमंद साबित हो सकती है.’
डॉक्टर ने कहा कि लॉन्ग कोविड के मामले बच्चों में अभी बहुत नए है ऐसे में लक्षणों के बारे में माता-पिता में बहुत घबराहट है. हर बच्चे में अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं. खांसी, जोड़ों में दर्द, चकत्ते, एलर्जी, पेट में दर्द, खुजली, ठंडे हाथ और पैर और अनिद्रा समेत कुछ सामान्य लक्षण हो सकते हैं. डॉक्टर दुबे ने कहा, ‘किसी भी लक्षण को हल्के में ना लें और यदि लक्षण लगातार बने रहते हैं तो बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.’
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