उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में दर्शन के लिए 28 जून से प्रारंभ होने जा रही व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को एक ही गेट से प्रवेश दिया जाएगा और उसी से निकासी दी जाएगी, हालांकि प्रवेश एवं निकासी के बीच में मार्ग का बंटवारा रहेगा। मंदिर के 4 नम्बर गेट से श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाएगा। वहीं इसी गेट से श्रद्धालुओं की दर्शन पश्चात वापसी भी होगी।
महकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में 28 जून से श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके लिए मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारी लगातार मंथन कर रहे हैं। प्राथमिक तौर पर रजिस्ट्रेशन से हटकर इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में कहां जाने दिया जाए और कहां नहीं?
सूत्रों के अनुसार अभी तक की स्थिति यह है कि श्रद्धालु केवल महाकाल बाबा के दर्शन के लिए पीतल के बेरीकेट्स तक जा सकेंगे और वहीं से वापसी होगी। इसके अलावा परिसर में किसी अन्य मंदिर में श्रद्धालुओं को जाने नहीं दिया जाएगा। इस बारे में श्रावण मास के पूर्व होनेवाली बैठक में अंतिम निर्णय होगा।
यहां है प्रसन्नता
मंदिर में श्रद्धालुओं को फूल-प्रसादी चढ़ाने की अनुमति मिलने के बाद रोजनदार काफी प्रसन्न हैं। उन्हे लम्बे समय बाद रोजगार मिलेगा। ज्ञात रहे मंदिर के बाहर फूल-प्रसादी बेचनेवालों का एक बड़ा वर्ग है,जिनकी आजीविका मंदिर से ही जुड़ी हुई है।
यहां है निराशा
मंदिर प्रबंध समिति द्वारा अभी तक अभिषेक करवाने संबंधी कोई निर्णय नहीं लेने के कारण पण्डे-पुरोहितों में काफी निराशा है। उनके अनुसार अभिषेक की अनुमति दे दी जाए, भले ही श्रद्धालु एक या दो हो। रसीद कटने से जहां मंदिर की आय बढ़ेगी वहीं पण्डे-पुरोहित भी लाभान्वित होंगे। उनके पाट पर बैठने के लिए मंदिर परिसर में दूरी बनाकर व्यवस्था कर दी जाए। चूंकि वैक्सीन लगवाने वाले को ही प्रवेश दिया जाएगा, या फिर आरटीपीसीआर निगेटिव्ह (Negative RTPCR) होने पर आने दिया जाएगा, तब इतना सोच विचार क्यों? यह मांग दो दिन जोर पकड़ सकती है।
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