कोलकाता। रेलवे के एक अधिकारी ने रविवार को मामले का खुलासा किया। इसके बाद सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि कथित तौर पर मरने वाले व्यक्ति की बहन एवं उनके पिता को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उक्त व्यक्ति की हादसे में कथित मौत के बाद उसकी बहन को नौकरी मिली थी।
गौरतलब है कि मई 2010 में हावड़ा-मुंबई जनेश्वरी एक्सप्रेस की बंगाल के झाड़ग्राम के सरडीहा में सामने से आ रही मालगाड़ी से टक्कर हो गई थी, जिसके बाद एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे और इस हादसे में कम से कम 148 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह भी आरोप लगा था कि रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाए जाने के कारण यह दुर्घटना हुई, क्योंकि इलाका उस वक्त माओवादी हिंसा की चपेट में था।
दक्षिण पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता के एक व्यक्ति ने दावा किया कि उनका बेटा इस हादसे में मारा गया है और डीएनए नमूने के माध्यम से उन्होंने शव की पहचान की थी। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद रेलवे ने घोषणा की कि मरने वाले के परिजनों को आर्थिक मुआवजे के अलावा परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी मिलेगी।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उस व्यक्ति की बहन पूर्वी रेलवे के सियालदह मंडल के सिग्नलिंग विभाग में काम कर रही है। दक्षिण पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यह शिकायत मिली कि जिसके मरने का दावा किया गया है, वह व्यक्ति जीवित है। इसके बाद रेलवे के सतर्कता विभाग ने जांच की और आरोप में उन्हें कुछ पुख्ता तथ्य मिले। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया गया।
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