इस्लामाबाद। कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में पाकिस्तान(Pakistan) ने भारत(India) की उन दलीलों और विरोधों को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान (India) की नेशनल असेंबली (National Assembly) में पारित किए गए बिल(Bill) को सही करार दिया है। भारत(India) ने इस बिल(Bill) को लेकर कहा था कि ये अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (Internation Court) की कही गई बातों का सीधे तौर पर उल्लंघन है और ये कोर्ट (Court) के फैसले में कही गई बातों को पूरा नहीं करता है। पाकिस्तान(Pakistan) की इस मामले में सीनाजोरी साफतौर पर दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान(Pakistan) की तरफ से कहा गया है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कोर्ट अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (Internation Court) के फैसले की गलत व्याख्या कर रहा है।
आपको बता दें कि भारत(India) ने इस विधेयक के उस बिंदु पर सवाल उठाते हुए आपत्ति जताई है जिसमें बिल में म्यूनिसिपल कोर्ट को ये अधिकार दिया गया है कि वो इस बात की जांच करे कि क्या जाधव को काउंसिल एक्सेस देने के चलते भारतीय नौसेना के पूर्व अधकारी के साथ किसी तरह का पूर्वाग्रह हुआ था। भारत का कहना है कि आईसीजे ने पाक जेल में बंद जाधव को काउंसिल एक्सेस देने का आदेश दिया था। पाकिस्तान नेशनल असेंबली से इस बिल के पारित होने के बाद भारत ने इस विधेयक की खामियों को दूर करने को कहा था। भारत का आरोप है कि ये विधेयक जाधव मामले में पूर्व में किए गए फैसले की समीक्षा का अधिकार नहीं देता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस बाबत दिए बयान पर कहा है कि उसने आईसीजे के आदेश को मानते हुए ही विधेयक को पारित किया है, जो इस फैसले के तहत कही गई बातों को पूरा करता है। प्रवक्ता ने बयान में आईसीजे के फैसले के 146 और 147 पैरा का भी जिक्र किया है। प्रवक्ता का कहना है कि आईसीजे के फैसले में कहा गया है कि पाकिस्तान जाधव मामले में सैन्य अदालत के फैसले की समीक्षा का अधिकार किसी को भी सौंप सकता है। पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अटॉर्नी जनरल (AGP) खालिद जावेद खान के अनुरोध पर जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की सरकार की याचिका पर सुनवाई 5 अक्टूबर होनी है। इस मामले में कोर्ट ने भारतीय उच्चायोग के वकील को सुनवाई के दौरान पेश होने का नोटिस भी जारी किया है।