रामेश्वर धाकड़
भोपाल। प्रदेश सरकार (State Government) में मंत्री पद की शपथ लेने के एक साल बाद भी मंत्रियों (Ministers) को जिलों के प्रभार का इंतजार है। अभी तक किसी भी मंत्री को जिले का प्रभार नहीं सौंपा है। कोविड संक्रमण (Covin Infection) के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने 12 अप्रैल को मंत्रियों को जिलों का कोविड प्रभारी (Covid in-Charge) बनाया गया था। GAD के नियमानुसार कोविड प्रभारियों (Covid in-Charge) को जिलों में प्रभारी मंत्री के अधिकार नहीं है। हालांकि मंत्री प्रभारी मंत्री की हैसियत से ही काम कर रहे हैं। चूंकि 1 जुलाई से तबादलों (Transfers) से बैन हट रहा है। जिलों में तबादले प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन से ही होंगे। जबकि कोविड प्रभारियों (Covid in-Charge) को तबादले के अधिकार नहीं है। ऐसे में राज्य शासन को या तो कोविड प्रभारियों (Covid in-Charge) को तबादले के अधिकार देने होंगे या फिर जिलों के प्रभारी मंत्री घोषित करने होंगे।
प्रदेश में 23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके 29 दिन बाद उन्होंने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई थी। इसके बाद 2 जुलाई 2020 को 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। हालांकि मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा 13 जुलाई को किया गया था। मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे के बाद से अभी तक एक भी मंत्री को जिले का प्रभार नहीं दिया गया है। दो महीने पहले जब प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू हो गए थे। स्थिति भयाभय हो गई थी। तब राज्य शासन ने आनन-फानन में 12 अप्रैल को एक आदेश जारी कर सभी मंत्रियों को कोरोना नियंत्रण के लिए जिलों का प्रभार सौंपा गया था। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार कोविड प्रभारी मंत्रियों के पास प्रभारी मंत्री के अधिकार नहीं है। वे सिर्फ जिले में कोविड नियंत्रण एवं समीक्षा का काम कर सकते हैं। प्रभारी मंत्री की हैसियत से वे काम नहीं कर सकते हैं। यह बात अलग है कि कोविड प्रभारी बनने के बाद से भी मंत्री जिलों में प्रभारी मंत्री की भ्ूामिका ही निभा रहे हैं। जिलों की प्रशासनिक टीम भी मंत्रियों से प्रभारी मंत्री के काम करवा रही हैं।
ज्यादातर मंत्रियों के बदलेंगे जिले
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 से 31 जुलाई के बीच तबादलों से रोक हटाने का ऐलान किया है। अगले एक हफ्ते के भीतर नई तबादला नीति भी आ जाएगी। ऐसे में जिलों में तबादलों के लिए या तो प्रभारी मंत्री घोषित होंगे या फिर कोविड प्रभारियों को ही तबादला सूची अनुमोदित करने के अधिकार सौंप दिए जाएंगे। सरकार सूत्र बताते हैं कि प्रभारी मंत्री घोषित होने पर ज्यादातर कोविड प्रभारी मंत्रियों के जिले बदल जाएंगे। क्योंकि सरकार ने ज्यादातर मंत्रियों केा उनके गृह जिले अथवा पड़ौसी जिले का कोविड प्रभारी बनाया है। संभवत: 30 जून से पहले जिलों को प्रभारी मंत्री मिल जाएंगे।
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