भोपाल। सब पर नजर रखने वाली एमपी पुलिस की बैंक (MP Police Bank) में ही गड़बड़ी हो गयी. पुलिस की सहकारी साख संस्था Police Co-operative Credit Society (Bank) में गड़बड़ी की गयी. खुद डीजीपी विवेक जौहरी(DGP Vivek Johri) ने ये धांधली पकड़ ली. उन्होंने गड़बड़ी करने वालों पर कारवाई (Order to action) करने के लिए कहा. साथ ही आगे से बैंक में नियम विरुद्ध काम ना हों, इसके लिए प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों के प्रमुखों को निर्देश दिया.
डीजीपी विवेक जौहरी (DGP Vivek Johri) ने सहकारी साख संस्था से जुड़े मामलों की समीक्षा की थी. उसी दौरान समीक्षा में जौहरी ने पाया कि बैंक से जुड़े लेनदेन के साथ कई काम का ऐसे थे, जिनमें अनियमितता की गईं. नियम विरुद्ध काम काज किए गए. यह गड़बड़ी पकड़ने के बाद जौहरी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और प्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों के प्रमुखों को सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
बैंक के कामकाज की समीक्षा के दौरान पता चला कि बैंक में गैर पुलिसकर्मियों के भी अकाउंट खुले हुए थे. बैंक में नगद राशि तीन लाख से ज्यादा रखी गई थी. पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को 20,000 से अधिक की लोन की राशि भी नगद दी गई. जबकि यह राशि ऑनलाइन खाते में ट्रांसफर करने थी. साथ ही पुलिस से जुड़ी सोसाइटी को वेलफेयर के लिए दी जाने वाली राशि में भी अनियमितता की गई. प्रदेश में पुलिस की यह बैंक एसएएफ की इकाइयों में चलती है. यहां पर तमाम कामकाज नियम विरुद्ध किये जा रहे थे. कई मामलों में गड़बड़ी और अनियमितता भी की गई. इस पर डीजीपी विवेक जौहरी ने सभी स्पेशल DG, ADG, IG, DIG, SP, कमांडेंट को कार्रवाई के लिए कहा. साथ ही बैंक अध्यक्ष से कहा कि वो नगदी का समय-समय पर हिसाब-किताब पता करते रहें. पुलिस अधिकारी कर्मचारी को 20,000 से अधिक का लोन भुगतान ऑनलाइन करने, कल्याणकारी गतिविधियों में किसी भी कर्मचारी को 2 साल से ज़्यादा पदस्थ न करने, और बैंक, पेट्रोल पंप, सुपर बाजार, कैंटीन, गैस एजेंसी, अस्पताल जैसी जगहों पर पूरे सेवाकाल में एक ही बार पोस्टिंग करने का निर्देश दिया.