गाजियाबाद । यूपी (UP) के गाजियाबाद (Ghaziabad) के लोनी में अब्दुल समद सैफी (Abdul Samad Saifi) पर हुए हमले के बाद सियासी बयानबाजी तेज है. इस बीच समद सैफी का एक और बयान सामने आया है, जिसमें वह नारेबाजी, जान से मारने की धमकी, मारपीट और पेशाब पीने तक की बात कह रहे हैं. समद ने ताबीज वाली बात को भी झूठ बताया है.
ये बात बुधवार रात समद सैफी ने अपने घर बुलंदशहर (Bulandshahr) के अनूपशहर में पत्रकारों से कही. वीडियो (Video) में उनके साथ मौजूद लोग पुलिस के एक्शन पर सवाल उठा रहे हैं. अब्दुल समद सैफी (Abdul Samad Saifi) ने कहा कि मेरी कनपटी पर पिस्तौल लगाई गई, चार लोग थे, डंडे और बेल्ट से मुझे बहुत मारा, मैं उनको नहीं जानता था.
अब्दुल समद सैफी (Abdul Samad Saifi) ने आगे कहा कि मुझपर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है. मैं नहीं जानता मारने वाला कोई मुसलमान था. ताबीज की बात झूठी है, मैं ताबीज का कोई काम नहीं करता. मुझपर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है. ऐसा इल्जाम कोई भी लगा सकता है, मैं तो मदरसे पर रहता हूं.
अब्दुल समद सैफी ने ये भी दावा किया कि मुझसे ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाए, पानी मांगा तो मुझसे पेशाब पीने को कहा. सैफी के साथ खड़े शख्स ने कहा कि इनको मारने के लिए दो बार तमंचा चलाया गया, लेकिन फायर मिस हो गया. आखिर पुलिस ने 307 में एफआईआर क्यों नहीं की?
गौरतलब है कि इससे पहले बुजुर्ग समद सैफी ने कहा था कि उन्हें पुलिस ने सहयोग किया था. हालांकि, अब उनका बयान काफी अलग है.
दरअसल, गाजियाबाद (Ghaziabad) में बुजुर्ग समद सैफी की पिटाई और जबरन दाढ़ी काटने के आरोपों को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. मामले में पुलिस सांप्रदायिक पहलू से इनकार कर रही है लेकिन विपक्ष इसे लेकर हमलावर है. पुलिस का कहना है कि अब्दुल समद की पिटाई करने वाले उसके द्वारा बेचे गए ताबीज को लेकर नाखुश थे.
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