वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Corona virus) को लेकर किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों(Scientists in the study) को उत्साहजनक परिणाम हासिल हुए हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि शुगर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा मेटफॉर्मिन से कोरोना वायरस से होने वाले फेफड़ों (Lungs) के संक्रमण के इलाज के लिए सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के अध्ययन को इम्यूनिटी जर्नल में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है जिसमें कहा गया है कि शोधकर्ताओं की टीम ने कोविड-19 से संक्रमित चूहों के ऊपर मेटफॉर्मिन का परीक्षण किया तो पाया कि यह फेफड़ों की सूजन को रोकता है।
शोधकर्ताओं ने इसके लिए एक्यूट रिस्पेरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) के चूहों के मॉडल का इस्तेमाल किया है। यह सिंड्रोम एक खतरनाक स्थिति है जिसमें फेफड़ों में लिक्विड लीक हो जाता है जिससे सांस लेने में समस्या आती है और आवश्यक अंगों को ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं पहुंच पाती है। यहां ये समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि कोविड-19 से अस्पताल में भर्ती रोगियों में मौत होने के लिए एआरडीएस प्रमुख वजह है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बैक्टीरियल निमोनिया के लिए एक सरोगेट बैक्टीरियल एंडोटॉक्सिन के संपर्क में आने से पहले या बाद में चूहों को मेटफॉर्मिन दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप एआरडीएस की शुरुआत और इसके लक्षणों में कमी आई। जर्नल में शोधकर्ताओं ने बताया है कि बैक्टीरियल निमोनिया के लिए एक सरोगेट बैक्टीरियल एंडोटॉक्सिन के संपर्क में आने से पहले या बाद में चूहों को मेटफॉर्मिन दिया गया। दवा देने वाले चूहों में एआरडीएस की शुरुआत और इसके लक्षणों में कमी आई। मेटफॉर्मिन ने एंडोटॉक्सिन से समस्या वाले चूहों में मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी का उत्पादन किया है।