कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव परिणाम में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाईं जा रही हैं। बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी सोमवार को गर्वनर जगदीप धनखड़ से मिलने पहुंचे तो उनके साथ 74 में से सिर्फ 50 विधायक ही राजभवन पहुंचे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद से बंगाल भाजपा में बगावत को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
बंगाल सरकार में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा नेताओं की बैठक का उद्देश्य बंगाल में हो रही कई अनुचित घटनाओं की जानकारी राज्यपाल जगदीप धनखड़ को देना। साथ ही अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करना था। लेकिन इस बैठक में भाजपा के 74 में से 24 विधायक सुवेंदु अधिकारी के साथ नहीं आए। इस बात को लेकर अब राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। ये वाकया ऐसे वक्त में हुआ है, जबकि तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए तमाम नेता अब टीएमसी वापसी की ओर हैं। इस मामले के बाद एक वर्ग यह भी मान रहा है कि सभी भाजपा विधायक अधिकारी को नेता के तौर पर स्वीकार नहीं करना चाहते।
टीएमसी के संपर्क में हैं कई भाजपा विधायक!
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी छोड़कर भाजपा में आए मुकुल रॉय हाल ही में फिर से ममता बनर्जी के साथ हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के कुछ और नेताओं के टीएमसी के संपर्क में होने की खबरें हैं। ऐसे में इन सब स्थितियों को देखते हुए ये कहा जा रहा है कि ऐसा संभव है कि भाजपा के कई विधायक जल्द ही तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बन जाएं। हालांकि, भाजपा ऐसी किसी भी बगावत की संभावना से इनकार कर रही है, लेकिन सुवेंदु के साथ ना जाने वाले विधायकों की गैर हाजिरी पर पार्टी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
माना जा रहा है कि राजीव बनर्जी, दीपेंदु विश्वास और सुभ्रांशु रॉय समेत कई अन्य नेता भी रॉय के पदचिन्हों पर चल सकते हैं। रॉय भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और कृष्णानगर उत्तर सीट पर जीत हासिल की थी। पिछले हफ्ते वे फिर से भाजपा में शामिल हो गए। वहीं सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को कहा कि अगर मुकुल रॉय विधायक पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो वह उनके खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए आवेदन देंगे।
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