नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल से चौंका देने वाली खबर सामने आई है। राज्य की कुछ महिलाओं ने विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान खुद के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की बात कही है। इस मामले में इंसाफ के लिए महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महिलाओं ने हिंसा के दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं पर गैंगरेप का आरोप लगाया है।
बात दें, राज्य में टीएमसी की सरकार है और पीड़िताओं को राज्य सरकार से न्याय पाने की उम्मीद नहीं है इसलिए उन्होंने न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। पीड़ित महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में गोधरा कांड के बाद सर्वोच्च न्यायालय की ओर से की गई कार्रवाई का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बंगाल में हुई गैंगरेप और हिंसा की घटनाओं की एसआईटी द्वारा जांच कराए जाने की मांग की है।
60 साल की बुजुर्ग महिला के साथ गैंगरेप
याचिकाकर्ता महिलाओं में एक 60 साल की बुजुर्ग महिला भी हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल के 5 कार्यकर्ता उनके पूर्वी मेदिनीपुर स्थित घर में घुस गए और उनके 6 साल के नाती के सामने उनका गैंगरेप किया।
महिला के अनुसार 4 और 5 मई के बीच देर रात हुई इस घटना में उन्होंने घर की सभी कीमती चीजें भी लूट लीं। महिला ने सुप्रीम कोर्ट में दी अपनी याचिका में बताया कि खेजुरी विधानसभा सीट पर भाजपा के जीतने के बावजूद 100 से 200 टीएमसी कार्यकर्ताओं की भीड़ ने 3 मई को उनके घर को घेर लिया था। हिंसा के दौरान भीड़ ने उनके घर को बम से उड़ाने की धमकी भी दी थी। इस घटना के बाद उनकी बहू ने अगले दिन ही घर छोड़ दिया था।
पुलिस ने की मामले की अनदेखी
बुजुर्ग महिला ने याचिका में बताया कि पड़ोसियों ने अगले दिन उन्हें बेहोशी की हालत में पाया और अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने कहा कि जब उनके दामाद ने पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने इस बात को नजरंदाज कर दिया। पीड़िता ने कोर्ट से कहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता बदला लेने के लिए इरादे से बलात्कार को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे थे।
बुजुर्ग महिला के अलावा अनुसूचित जनजाति की एक 17 साल की नाबालिग लड़की ने भी अपने साथ किए गए गैंगरेप के मामले में इंसाफ पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा उसके साथ किए गए गैंगरेप की घटना व मामलों में पुलिस की कथित निष्क्रियता की एसआई़टी या सीबीआई से जांच कराई जाए। महिलाओं ने यह मांग भी की है कि मामले का ट्रायल शहर से बाहर किया जाए।
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