आज यानि 14 जून, सोमवार को ज्येष्ठ मास का विनायक चतुर्थी व्रत है. भक्तों ने आज गणेश भगवान (Lord Ganesha Worship) को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा है। इसके लिए भक्तों ने सुबह उठकर स्वच्छ होकर गणेश भगवान की पूजा-अर्चना की और आरती का पाठ किया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ विनायक चतुर्थी का व्रत करता है उसे गणेश जी की विशेष कृपा (special favor) प्राप्त होती है।
इस दिन भगवान गणेश की अराधना(worship) करने से व्यक्ति के सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं। साथ ही अगर जीवन में किसी तरह की कोई बाधा चली आ रही है तो वो भी समाप्त हो जाती है। विघ्नहर्ता अपने भक्तों के विघ्नों को हर लेते हैं इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बतानें जा रहें हैं विनायकी चतुर्थी व्रत की पूजा विधि के बारें में तो आइये जानते हैं …
वैनायकी गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021:
ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी आरम्भ- 13 जून 2021, रविवार की रात्रि 09 बजकर 40 मिनट से
ज्येष्ठ, शुक्ल चतुर्थी समाप्त-14 जून 2021, सोमवार की रात्रि 10 बजकर 34 मिनट तक.
दोपहर में पूजन के समय अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा व मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें। श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। गणेश भगवान के प्रिय मंत्र – ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ का जाप करें। श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें। शाम के समय भोजन ग्रहण करें ।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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