नई दिल्ली। ब्रिटेन(Britain) के कार्बिस बे में पिछले दो दिनों से चल रहे सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दो सत्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत जी-7 का स्वाभाविक मित्र देश है। जी-7 ने जहां चीन के बढ़ते दबदबे को चुनौती देने का एक तरह से ऐलान कर दिया है, वहीं भारत ने कहा है कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए वह उनके साथ है।
इस दौरान पीएम मोदी ने ये कहा कि भारत अधिनायकवाद, आतंकवाद और हिंसक अतिवाद से उत्पन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा के लिए जी-7 का स्वाभाविक सहयोगी है। सम्मेलन में मोदी ने खुले समाज में निहित कमजोरियों को रेखांकित किया, प्रौद्योगिकी कंपनियों से सुरक्षित साइबर क्षेत्र मुहैया कराने का आह्वान किया।
पीएम मोदी जी-7 और विशेष आमंत्रित देशों की बैठक में देश में कोरोना (Corona) की स्थिति की वजह से हिस्सा लेने नहीं जा सके थे। पिछले दो दिनों में उन्होंने तीन दफे इस बैठक में वर्चुअल तरीके से शिरकत की। विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (आर्थिक संबंध) पी. हरीश ने बताया कि रविवार को पीएम मोदी (PM Modi) ने पहले जलवायु परिवर्तन पर और उसके बाद मुक्त समाज पर आयोजित सत्र को संबोधित किया।
भागीदारों के साथ सहयोग करने का लिया संकल्प
जी-7 शिखर सम्मेलन पर विदेश मंत्रालय ने बताया कि नेताओं ने मुक्त, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की और क्षेत्र में भागीदारों के साथ सहयोग करने का संकल्प लिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी भागीदारी जी-7 के भीतर समझ को दर्शाती है कि भारत की भूमिका के बिना सबसे बड़े वैश्विक संकट का समाधान संभव नहीं है। भारत स्वास्थ्य प्रशासन, टीकों तक पहुंच और जलवायु को लेकर कदम उठाने समेत प्रमुख मुद्दों पर जी-7, अतिथि भागीदारों के साथ गहराई से जुड़ा रहेगा।
कोरोना को लेकर हुई चर्चा
बैठक में कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर साझी रणनीति पर भी चर्चा हुई है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक यह बात स्पष्ट है कि मानवता के समक्ष पैदा हुई इस चुनौती का सामना करने में भारत की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। इन देशों ने वैक्सीन (Vaccine)उत्पादन में भारी वृद्धि करने की जो रणनीति बनाने का फैसला किया है उसे पूरा करने में भारत को अहम रोल अदा करना होगा।
जलवायु परिवर्तन पर पीएम ने रखा पक्ष
पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सत्र में भारत सरकार की तरफ से इस संदर्भ में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों में सिर्फ भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो निर्धारित लक्ष्यों को समय से पहले पूरा कर रहा है।
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