भोपाल। प्रदेश में कोरोना (Corona) काल में अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड (Oxygen and Beds) का संकट था। ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से सैकड़ों मौतों के मामले सामने आए थे, लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट (High Court) में रिपोर्ट पेश करके दावा किया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। प्रदेश राज्य सरकार (State Government) की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव (Advocate General Purushendra Kaurav) और अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेंद्र यादव (Additional Advocate General Pushpendra Yadav) द्वारा कोरोना (Corona) को लेकर पेश की गई ने आठवीं रिपोर्ट में कहा कि ऑक्सीजन (Oxygen) में कमी की वजह से प्रदेश में 72 मौतें होने की बात गलत है।
कोर्ट मित्र की ओर से हाईकोर्ट में याचिका के माध्यम से प्रदेश में अप्रैल में 15 बड़ी लापरवाही के बारे में बताया गया था। इसमें ऑक्सीजन की कमी से मौत होने के बारे में भी बताया गया था। इस दौरान सबसे अधिक 20 मौतें ग्वालियर और 10 मौतें भोपाल में होना बताया गया था। इससे पहले जबलपुर में 23 अप्रैल को गैलेक्सी हॉस्पिटल में अचानक ऑक्सीजन खत्म होने से एक-एक कर 5 कोविड संक्रमितों ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया था। जब अस्पताल में मरीज दम तोड़ रहे थे, तो वहां का स्टाफ भाग निकला था। कोविड काल में भोपाल के जेपी हॉस्पिटल भोपाल, पीजीबीएम हॉस्पिटल भोपाल, जिला अस्पताल खरगोन, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर, माधव नगर सरकारी हॉस्पिटल उज्जैन, सुखसागर मेडिकल कॉलेज जबलपुर, लाइफ मेडिसिटी हॉस्पिटल जबलपुर, गैलेक्सी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल जबलपुर शहडोल मेडिकल कॉलेज, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल, ग्वालियर जयआरोग्य हॉस्पिटल, जिला अस्पताल छतरपुर, जिला अस्पताल मुरैना, जिला अस्पताल कटनी, कमला राजा हास्पिटल ग्वालियर में ऑक्सीजन से मौतों के मामले सामने आए थे।
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