नई दिल्ली।जी-7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने संबोधन में ‘वन अर्थ, वन हेल्थ'(one earth one health) का मंत्र दिया है। इस मंत्र का जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) ने उल्लेख करते हुए समर्थन दिया। इस समिट में पीएम मोदी ने वर्चुअल (virtual) रूप से हिस्सा लिया है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के आमंत्रण पर डिजिटल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इस समिट में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने ट्रिप्स छूट को लेकर पीएम मोदी के साथ हुई अपनी चचार्ओं का भी उल्लेख किया। समिट के दौरान फ्रेंच राष्ट्रपति ने भारत जैसे वैक्सीन उत्पादकों को कच्चे माल की आपूर्ति का आह्वान किया ताकि पूरी दुनिया के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
पीएम ने वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार के लिए वैश्विक सामूहिक प्रयास का समर्थन भी किया। प्रधानमंत्री ने डब्ल्यूटीरओ में वैक्सीन पेटेंट में छूट के लिए जी-7 का समर्थन मांगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि सम्मेलन में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान समर्थन देने वाले देशों को धन्यवाद।
आज भी लेंगे समिट के सत्रों में हिस्सा
उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में ऐसे किसी महामारी से निपटने के वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है। मानवता के लिए ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ (one earth one health) हमारा संदेश है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी जी-7 समिट के सत्रों में डिजिटल माध्यम से हिस्सा लेंगे।
इस बार ब्रिटेन इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और उसने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया है। जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ हैं। इस बार शिखर सम्मेलन की थीम ‘टिकाऊ सामाजिक-औद्योगिक बहाली’ है।
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