नई दिल्ली। सरकार पर कोरोना (corona) काल में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छिपाने और केसों की संख्या कम दिखाने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मजबूत रिपोर्टिंग तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया है। ताकि नियमित रूप से जिलेवार कोरोना केसों और मौतों की दैनिक आधार पर निगरानी हो सके।
मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह देते हुए कहा है कि तय दिशा-निर्देशों के अनुसार ही कोरोना संक्रमण से मौत संबंधी आंकड़ों को रिपोर्ट करें। बता दें कि हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भारत में कोविड के कारण होने वाली मौतों की गलत रिपोर्टिंग और दैनिक मौतों की संख्या में अचानक वृद्धि का आरोप लगाया गया था।
जिसके बाद मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ही 10 जून 2021 को कुल 6148 मौतों की सूचना दी थी। मौतों में यह वृद्धि उस तारीख को बिहार सरकार द्वारा रिपोर्ट की गई 3971 मौतों के कारण हुई थी। मई 2020 की शुरुआत में, रिपोर्ट की जा रही मौतों की संख्या में विसंगति या भ्रम से बचने के लिए, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने राज्यों द्वारा मौतों की सही रिकॉर्डिंग के लिए दिशा निर्देश जारी किए।
बता दें कि आरोपों के बीच केंद्र सरकार ने बिहार राज्य को पत्र लिखकर कुल मौतों की संख्या का जिलावार ब्यौरा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देने को कहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मृत्यु दर कोडिंग के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा प्रमाणित आईसीडी-10 कोड के अनुसार मौतों की रिकॉर्डिंग करने के लिए कहा है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कई बार औपचारिक तरीके से, कई वीडियो कॉन्फ्रेंस और निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार मौतों की रिकॉर्डिंग के लिए केंद्रीय टीमों की तैनाती के माध्यम से सलाह दी गई है। ताकि किसी तरह का भ्रम न रहे।
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