लंदन। ब्रिटेन में हो रहे जी-7 समिट (G7 Summit) के दौरान शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने भारत के पक्ष में अपनी बात रखी। उन्होंने जी-7 देशों से आग्रह कर कहा कि वे भारत में कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल के निर्यात पर लगी रोक को हटा लें।
ताकि कोरोना से जंग में सफलता मिल सके। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने सदस्य देशों को सुझाव दिया कि रोक हटाने से गरीब देशों में वैक्सीन के उत्पादन में मदद मिलेगी। इससे पहले उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस बारे में जी-7 देशों के बीच कोई समझौता होगा।
बता दें कि अमेरिका ने भारत में बन रही एक कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के लिए जरूरी कच्चे सामान पर बैन लगा दिया था जिससे वैक्सीन उत्पादन को झटका लगा था। राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा है, ‘जी-7 के कई सदस्य देशों ने कुछ एक्सपोर्ट बैन लगाए हैं जिससे दूसरे देशों में उत्पादन बंद हो गया और कुछ जहों पर मध्य-आय वाले देशओं में उत्पादन बंद हो गया जो गरीब देशों के लिए वैक्सीन के उत्पादन के लिए अहम है।
मैं सिर्फ एक उदाहरण रखूंगा- भारत।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने बैन हटाए जाने की अपील की है ताकि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) भारत की आबादी और दूसरे गरीब देशों, खासकर अफ्रीका (Africa) के लिए वैक्सीन निर्माण कर सके। अमेरिका ने कोविशीलड में लगने वाले कच्चे माल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था।
भारत ने जब इसे हटाने को कहा तो अमेरिका ने साफ तौर पर कहा था कि हम भारत के अनुरोध को पूरा करने से पहले अपने नागरिकों को प्राथमिकता देंगे। ऐसे में अब ब्रिटेन में हो रहे जी-7 समिट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की अपील पर अमल किया सकता है और यदि अमल किया गया तो कोरोना वैक्सीन के निर्माण में तेजी आ सकती है।
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