इंदौर। 18 साल से अधिक उम्र के 28 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाना है, जिसमें से 15 लाख 21 हजार से अधिक लोगों को पहला डोज दिया जा चुका है। इस तरह 55 फीसदी आबादी को वैक्सीनेशन के दायरे में लिया जा चुका है। जुलाई अंत तक दूसरा डोज भी अधिकांश को लग जाएगा। इंदौर में बीते हफ्तेभर से वैक्सीनेशन आंदोलन के रूप में शुरू हो गया और 70-80 हजार तक रोजाना वैक्सीन लगाई जारही है। सवा2 लाख से अधिक आबादी ऐसी है जिनको दोनों डोज लग चुके हैं। आज अन्य योजनाओं के टीकाकरण के बावजूद 20 हजार कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है।
इंदौर को कोरोना मुक्त करने के इस अभियान में जहां सख्ती से लॉकडाउन लगाया गया और अब धीरे-धीरे 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया तो शुरू की ही गई। वहीं ठप पड़े वैक्सीनेशन अभियान को भी तेज गति दी गई है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते अप्रैल और मई में वैक्सीनेशन का काम भी प्रभावित हुआ, मगर अब जून से 28 लाख से अधिक की आबादी जो कि वैक्सीनेशन के लिए पात्र है, उसे अब तेजी से वैक्सीनेट किया जा रहा है। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची के आधार पर 18 साल से अधिक उम्र के शत-प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाना है और अभी हाई रिस्क झोन में चिन्हित किए गए लोगों का भी तेजी से वैक्सीनेशन शुरू किया जा रहा है। इसके लिए वर्कप्लेस के अलावा सिक्यूरिटी गार्ड, पम्प पर काम करने वाले कर्मचारी, घरों में काम करने वाली महिलाओं से लेकर हाथ ठेला, सब्जी विक्रेता, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, गैस सप्लाय करने वाले सहित अन्य स्टाफ का भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह के मुताबिक अभी 70-80 हजार वैक्सीन रोजाना लगाई जा रही है और इसमें शहर के सभी व्यापारिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग मिल रहा है। जुलाई अंत तक अधिकांश आबादी को दूसरा डोज भी लगा दिया जाएगा। वहीं इंदौर में पहली बार ट्रांसजेंडर को भी वैक्सीन लगाई गई। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिया के मुताबिक आज भी 20 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। अभी तक 15 लाख 21 हजार 912 लोगों को पहला डोज लग चुके हैं, जिनमें से 225868 को दूसरा डोज भी लग गया है।
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