विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में बड़ा ही अजीब स्किन पर घाव करने वाले कोविड मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम Covid multi-system inflammatory syndrome (MISC) का मामला सामने आया है. डॉक्टरों की एक टीम ने यहां कोविड मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम Covid multi-system inflammatory syndrome (MISC) से पीड़ित एक नवजात (Newborn) का सफलतापूर्वक इलाज किया है. इसे दुनिया का पहला ऐसा मामला माना जा रहा है.
आंध्र में बच्चों के नामी अस्पताल के पीडियाट्रिक पीवी रामा राव ने कहा, इस स्थिति का इलाज नवजात ‘पुरपुरा फुलमिनन्स’ के रूप में किया गया था. न्यूबॉर्न बेबी की स्किन पर गंभीर घाव हो गए थे. नवजात शिशु में एमआईएस-सी रोग पाए जाने का दुनिया में पहला मामला है. सात दिन के शिशु को 21 मई को स्किन डिजीज और बुखार के साथ आंध्र अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था.
RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आया
जन्म के बाद 16 घंटे के बच्चे के पेट, चेस्ट और पैरों के पीछे काले, लाल और नीले रंग के घाव हो गए थे. अगले तीन से चार दिनों में स्थिति और खराब हो गई. मां ने प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की समस्या जैसे कि बुखार आदि होने से साफ मना किया. डॉक्टरों को लगता है कि मां संभवत: प्रेग्नेंसी के दौरान कोविड एसिम्टोमैटिक (covid asymptomatic) थी. हालांकि, मां और बच्चे, दोनों का RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आया था.
एंटीबॉडी पॉजिटिव
जबकि, दोनों में कोविड IGG एंटीबॉडी पॉजिटिव थे, जो मां से बच्चे में एंटीबॉडी के ट्रांसप्लासेंटल ट्रांसमिशन का संकेत देते हैं. मां से बच्चे में कोविड एंटीबॉडी के ट्रांसप्लासेंटल वर्टिकल ट्रांसमिशन का बहुत कम ही डिस्क्रिप्शन मिलता है. डॉ. भूजाता, डॉ. रेवंत, डॉ. कृष्णप्रसाद, डॉ. मेघना और डॉ. बालकृष्ण की एक टीम ने नवजात शिशु को इम्युनोग्लोबुलिन, स्टेरॉयड और हेपरिन से ब्लड को पतला करने में मदद की, जिसके बाद बुखार कम हो गया और बच्चा अच्छी तरह से फीडिंग कर रहा है. रामा राव ने कहा कि वे अपने निष्कर्षों को पीयर-रिव्यूड मेडिकल जर्नल लैंसेट को सौंप रहे हैं.
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