मंदसौर । अब कभी भी मानसून की आमद हो सकती है, ऐसे में किसानों (farmers) से खरीफ की बोवनी की तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन खेतों में बोवनी की सीजन का समय आते ही बीज का टोटा पड़ने लगा है। सोसायटियों (Societies) में बीज नहीं मिल रहा है और बाजार में भी बीज की कमी है। इसके कारण बीज के दाम भी मनमाने होते जा रहे है। डीएपी (DAP) खाद व अन्य अभी सोसायटियों और बाजार में आसानी से किसानों को मिल रहा है लेकिन सबसे ज्यादा जरूरत बीज की है। किसानों का कहना है कि बोवनी का समय आ गया है शासन किसानों को पर्याप्त बीज उपलब्ध करवाए। खरीफ सीजन की बोवनी से पहले खाद-बीज लेने के लिए किसान रोजाना सोसायटियों और दुकानों पर पहुंच रहे है। लेकिन सोसायटियों पर अभी तक बीज मिलना प्रारंभ नहीं हुआ है। इसके कारण बाजार में भी बीज महंगा होता जा रहा है। सोयाबीन बीज के दाम साढ़े सात हजार रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। लेकिन बाजार में बीज का दाम आठ हजार से भी अधिक लिए जा रहे है। खाद को लेकर जरूर किसानों को परेशानियां नहीं हो रही है। जिले में डीएपी खाद 14 हजार मीट्रिक टन लक्ष्य है, इसमें से पांच हजार मीट्रिक टन खाद जिले में आ गया है और सोसायटियों से किसानों को वितरण भी हो रहा है। इसी के कारण सोसायटियों और बाजार में भी डीएपी 1200 रुपये प्रति बैग निर्धारित दाम पर बिक रहा है। ग्राम कुचड़ौद के किसान लक्ष्मीनारायण कुमावत एवं महेश कुमावत ने बताया कि पिछले दो वर्षो से कोरोना वायरस के कारण किसानों की कमर टूट गई है। जिस कारण सरकार को खाद और बीज की कीमते कम करना चाहिए ताकि किसान की लागत मूल्य नहीं बढ़े।
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से भी खेती हुई महंगी
पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से आम लोगों के साथ ही किसानों की भी दिक्कतें बढ़ गई है। डीजल महंगा होने से खेतों में जुताई, बोवनी से लेकर सभी कार्यो में भी लागत बढ़ गई है। ऐसे में फायदे का सौदा बनने की बजाय अभी तो खेती में महंगाई की आग लग गई है। खाद-बीज के दामों से भी किसान पहले से ही परेशान हैं और डीजल-पेट्रोल के दामों ने परेशानी में इजाफा किया है।
3.29 लाख हेक्टेयर भूमि पर होगी जिले में बोवनी
खरीफ सीजन में जिले में कुल तीन लाख 29 हजार हैक्टेयर भूमि पर बोवनी होगी। पिछले साल की तुलना में सोयाबीन का रकबा कम किया गया है। पिछले साल जिले में 2.90 लाख हैक्टेयर भूमि पर सोयाबीन की बोवनी हुई थी। इस साल 2.67 लाख हैक्टेयर का लक्ष्य कृषि विभाग ने तय किया है। सोयाबीन का रकबा घटाकर उड़द का रकबा 20 हजार से बढ़ाकर 35 हजार हैक्टेयर किया गया है। इसके साथ ही मूंगफली दो हजार, अरहर दो हजार, मूंग दो हजार, तिल डेढ़ हजार हेक्टेयर में बोवनी लक्ष्य तय किया गया है।
डा. अजीतसिंह राठौर, उप संचालक, कृषि विभाग ने हिन्दुस्थान समाचार को जानकारी देते हुए बताया कि जिले में डीएपी 14 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य है। पांच हजार मीट्रिक टन खाद आ चुका है। सोसायटियों में वितरण किया जा रहा है। कहीं भी अधिक दाम लेने की शिकायत अब तक जिले में नहीं मिली है। किसानों की जो भी समस्या है उसे दूर किया जाएगा।