मुंबई। अभिनेत्री जूही चावला पर 20 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाते हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 5G रोल आउट के खिलाफ उनके याचिका को खारिज कर दिया है। यहां कोर्ट ने जूही चावला को एक और बड़ा झटका दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया। हाई कोर्ट ने कहा, ऐसा लगता है कि याचिका को पब्लिसिटी के लिए दायर किया गया था इसी वजह से लिंक सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।
न्यायमूर्ति जीआर मिधा की एकल पीठ ने आदेश में कहा कि, ये परेशान करने वाले आरोप लगाए गए थे। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान गाना गाने वाले सख्श समेत उन सभी लोगों को अवमानना का नोटिस जारी किया जिन्होने अवैध तरीके से सुनवाई में भाग लिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने कोर्ट की सुनवाई में बाधा उत्पन्न पर ऐसे लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस को एक्शन लेने को कहा है। वहीं कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पूरी कोर्ट फीस भी जमा नहीं कराई जो डेढ़ लाख से ऊपर है।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिये बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक (5G wireless network technology) को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर बुधवार को सवाल उठाये थे। हाई कोर्ट ने तकनीक से संबंधित अपनी चिंताओं के संबंध में सरकार को कोई प्रतिवेदन दिये बगैर, देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ जूही चावला के सीधे मुकदमा दायर करने पर सवाल उठाया था।
बता दें जूही चावला की याचिका में दावा किया गया है कि इन 5जी वायरलेस टेक्नोलॉजी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है। जूही चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर कर कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा। याचिका में प्राधिकारियां को यह प्रमाणित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी टेक्नोलॉजी किस तरह से मानव जाति, पुरुषों, महिलाओं, वयस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित नहीं है।
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