नई दिल्ली। AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी देने से न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों के वैक्सीनेशन में भी मदद मिलेगी। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया था कि देश में वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में मंजूरी दी जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दोनों ही वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने में भारत उस नजरिए का इस्तेमाल करेगा, जिसे अमेरिका और अन्य उन देशों ने अपनाया है, ये देश इन दोनों वैक्सीन को लगा रहे हैं। CNN-News 18 को दिए इंटरव्यू में फाइजर को ब्रिजिंग ट्रायल से छूट देने पर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह न केवल अडल्ट्स बल्कि बच्चों के वैक्सीनेशन में भी देश की मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह पहले भी किया जा चुका है, जब सरकार ने उन सभी टीकों को आपातकालीन मंजूरी दी थी, जिसे यूएस, यूके और यूरोपिय संघ और WHO ने मंजूरी दे रखी है। ऐसे में मुझे लगता है कि जल्द ही हमारे पास बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए फाइजर वैक्सीन मौजूद होगी। पहले नियमों में छूट क्यों नहीं दी गई के सवाल पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पहले हमारे पास उभरते आंकड़ों का सही डाटा नहीं था।
यूरोपीय आबादी पर इसके दुष्प्रभाव हुए थे, ऐसे में आपको सावधान रहना था। पहली बात तो ये है कि आप ज्यादा नुकसान नहीं करना चाहते। यूके और यूएस में बड़ी संख्या में वैक्सीन लगाए जाने के बाद ये साफ हो गया कि इसमें कोई दुष्प्रभाव नहीं थे। दोनों ही जगह अच्छी संख्या में भारतीय रहते हैं। आज हमारे पास विश्वस्तर का पर्याप्त डाटा है जिससे हम इन वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैं।
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