उज्जैन । महाकाल मंदिर (Mahakal temple) क्षेत्र में खुदाई के दौरान 1000 साल पुराने स्थापत्य खंड मिले हैं. बताया गया है कि ये एक शासक ने मंदिर पर हमले के दौरान तोड़े थे. खुदाई में मिले शिल्प खंड उच्च कोटि के हैं. इन्हें सहेज कर मंदिर परिसर में ही रखा जा रहा है. सभी अवशेष प्राचीन शिल्प कला (ancient art) के साथ इस क्षेत्र में आक्रांताओं की घुसपैठ का प्रमाण देते हैं.
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है. इस दौरान मंदिर की खुदाई के दौरान एक बार फिर वर्षों पुराने प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं. जिसमें माता दुर्गा की दिव्य मूर्ति के अलावा मंदिर के स्थापत्य खंड भी हैं. ये मूर्तियां 700 से 1000 साल पुरानी बताई जा रही हैं. इन मूर्तियों को महाकाल मंदिर के अन्न क्षेत्र में रखवाया गया है.
सोमवार को मिले अवशेषों के बारे में जानकारी देते हुए इतिहासकार रमण सोलंकी ने बताया कि सन् 1232 के मंदिर के स्थापत्य खंड मिले हैं. यह सैकड़ों की संख्या में मिल रहे हैं, जिन्हें सहेजना होगा. इससे पहले दिसम्बर 2019 में भी 1000 साल पुराने शिला लेख मिलने का दावा किया गया था. उन्होंने कहा कि उच्च कोटि के शिल्प खंड को सुल्तान इल्तुतमिश ने उज्जैन पर हमले के दौरान तोड़ा था. डॉ रमण सोलंकी ने बताया कि महाकाल मंदिर में पहले भी 1000 साल पुराने परमार कालीन अवशेष मिले थे.
खुदाई के दौरान जो मंदिर के स्थापत्य खंड मिले उन्हें एकत्रित किया जा रहा है. शिल्प खंड को देखने से पता चल रहा है कि ये परमार कालीन हैं और करीब साल 1232 के होंगे. दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने जब उज्जैन पर हमला किया था, तब मंदिर को काफी क्षति पहुंचाई थी. इतिहासकार हमले की विस्तार से जानकारी देते हैं. जो अवशेष मिले उससे ज्ञात होता है इन्हें हथौड़ों से तोड़ा गया है.
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