नई दिल्ली। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में सीबीएसई (CBSE) के चेयरमैन मौजूद हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर भी बैठक में शामिल हैं। इस अहम बैठक में 12वीं के एग्जाम को लेकर मंथन हो रहा है। कोरोना संकट काल में किस तरह एग्जाम करवाए जाएंगे, एग्जाम होंगे भी या नहीं होंगे, इसपर फैसला किया जाएगा।
इससे पहले शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक आज बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला लेने वाले थे मगर अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया है। शिक्षा मंत्रालय को परीक्षाओं के संबंध में अपने फैसले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को 03 जून तक देनी है। केंद्र सरकार ने कल 31 मई को सुप्रीम कोर्ट से परीक्षाओं पर निर्णय लेने के लिए 2 दिनों का समय मांगा था। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
Prime Minister Narendra Modi chairs an important meeting regarding Class 12 Board Examinations pic.twitter.com/B4uVmqoPkQ
— ANI (@ANI) June 1, 2021
प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में परीक्षाएं आयोजित करने के दोनो विकल्प और परीक्षाएं रद्द करने के विकल्प पर अधिकारियों के साथ विचार करेंगे। CBSE बोर्ड ने पिछले सप्ताह हुई केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में परीक्षा आयोजित करने के दो विकल्प सुझाए थे। पहला विकल्प था सभी विषयों की परीक्षा घटे हुए एग्जाम पैटर्न पर आयोजित करना, और दूसरा विकल्प था केवल महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा आयोजित करना।
इस बैठक में दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने परीक्षाएं रद्द कर छात्रों को इंटरनल मार्किंग के आधार पर पास करने का भी विकल्प रखा था। उन्होंने कहा था कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो वह बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित है, ऐसे में हमें बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए एग्जाम रद्द करने की बाद कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि परीक्षा से पहले सभी छात्रों को वैक्सीनेट किया जाना चाहिए।
बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कल प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि छात्र, अभिभावक और शिक्षक लगातार परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर रहे हैं इसलिए सरकार को उनकी बातों पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी के इस समय में ऑफलाइन परीक्षाओं से बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा है।
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