img-fluid

कोरोना मरीजों को vitamin D देने से मृत्यु दर में हो सकती है कमी? जानें क्‍या कहती है रिसर्च

June 01, 2021


विटामिन(Vitamin) शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। विटामिन्स की कमी से शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। कोरोना काल के इस दौर में जहां आए दिन कई तरह की रिसर्च और स्टडीज सामने आ रही हैं, वहीं विटामिन डी को लेकर एक बड़ा सवाल सामने आया है कि क्या विटामिन डी (vitamin D ) का हाई लेवल कोरोना वायरस संक्रमण (corona virus infection) के खतरे को कम कर सकता है और संक्रमित मरीजों को विटामिन डी देने से मृत्यु दर में कमी आ सकती है?

सिकंदराबाद के गांधी अस्पताल के कोविड संक्रमित मरीजों पर निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई कि विटामिन डी का हाई लेवल कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे को कम कर सकता है। ‘www.nature.com’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन डी एक पोटेंशियल इम्यूनो मॉड्यूलेटर है जो कोविड- 19 के इलाज में सहायक के तौर पर भूमिका निभा सकता है।

NIMS के एक हड्डी रोग विशेषज्ञ और स्टडी के लेखकों में से एक महेश्वर लक्कीरेड्डी का कहना है कि सीरम विटामिन डी के स्तर में 80 से 100 नैनोग्राम प्रति मिली (एनजी / एमएल) तक सुधार करने से बिना किसी साइड इफेक्ट के कोविड- 19 के इन्फ्लेमेटरी मार्कर को काफी कम किया जा सका। इस स्टडी को 130 मरीजों पर किया गया था।



मरीजों को विटामिन डी (वीडी) और नॉन-विटामिन डी (एनवीडी) दो अलग-अलग समूह में रखा गया था। वीडी ग्रुप के लोगों को मानक उपचार के साथ पल्स डी थेरेपी (उनके बीएमआई के आधार पर 8 या 10 दिनों के लिए विटामिन डी के 60,000 आईयू डेली सप्लिमेंट) दी गई। एनवीडी समूह में आने वाले मरीजों को अकेले मानक उपचार दिया गया।

जब दो समूहों के बीच के अंतर का विश्लेषण किया गया, तो पाया गया कि विटामिन डी का स्तर 16 एनजी/एमएल से बढ़कर 89 एनजी/एमएल हो गया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमित मरीजों में पाए जाने वाले इन्फ्लेमेटरी मार्कर में अत्यधिक कमी देखी गई थी। विटामिन डी के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए उन उप-समूह को गठित किया गया था, जो वीडी और एनवीडी मरीजों के तहत चुने गए हैं। इन्हें रेमेडिसविर, फेविपिराविर, इवरमेक्टिन या डेक्सामेथासोन जैसी दवाएं नहीं दी गई थीं। शोध के अनुसार, विटामिन डी के प्रभाव के समान परिणाम इन उप-समूहों पर भी देखे गए।

एंटी-माइक्रोबियल
डॉ महेश्वर ने कहा कि विटामिन डी, इम्यून सेल्स द्वारा विभिन्न एंटी-माइक्रोबियल पेप्टाइड्स (Anti-microbial peptides) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। विटामिन डी, इम्यून सिस्टम (Immune system) को नियंत्रित करने के साथ-साथ यह स्वयं को नुकसान पहुंचाने वाले प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकाइन्स के अनियंत्रित उत्पादन को कम करता है।

सूर्य
डॉ महेश्वर के अनुसार, 90% भारतीयों के शरीर में पर्याप्त विटामिन डी की कमी है। इसके अलावा, आजकल की जीवनशैली को देखते हुए लोग ऐसा भोजन नहीं कर पाते हैं जिससे उन्हें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल सके। विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स सूर्य की किरणें हैं, पर बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग स्वस्थ वातावरण से भी वंचित रह जाते हैं।

डॉ. महेश्वर ने शोध में पाया कि जब विटामिन डी का लेवल 55 एनजी / एमएल से अधिक था, तब 5% से कम लोगों में कोविड- 19 का संक्रमण देखने को मिला। अगर विटामिन डी का लेवल 60 एनजी/एम था तो कोरोना संक्रमित मरीजों में मृत्यु दर लगभग शून्य दर्ज की गई और लेवल 30 एनजी/एमएल से कम होने पर कोविड मरीजों की मृत्यु अधिक देखी गई।

Share:

जरूरत की हद तक ही खुल सका Bhopal

Tue Jun 1 , 2021
घंटों में मिली आजादी… नहीं खुल सके कारोबारियों के दफ्तर भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में आज से सामान्य गतिविधियां शुरू हो गई हैं। भोपाल (Bhopal) में किराना दुकानें सुबह से ही खुल गई हैं। वहीं खाद-बीज, सीमेेंट, सरिया, सेनेटरी, इलेक्ट्रिकल, टाइल्स, हार्डवेयर, पेंट एवं चश्मे की दुकानें भी खुल गई हैं। […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
शुक्रवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved