क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी खुद अपने ही क्राइसिस से मुक्त नहीं… किसी को समझ नहीं आया अभी तक कोरोना प्रबंधन
इन्दौर। 14 महीने से ज्यादा का समय कोरोना (Corona) से जुझते हुए सरकारों को हो गया, मगर अभी तक ना तो जनप्रतिनिधि और ना ही अधिकांश अफसरों को साइंटिफिक (Scientific) तरीके से कोरोना (Corona) से कैसे निपटा जाए यह समझ नहीं आया है। सिर्फ जनता, कारोबारियों पर सख्ती, लॉकडाउन और कफ्र्यू को ही कोरोना से मुक्ति का पहला और अंतिम तरीका मान लिया गया है। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी (Crisis Management Committee) खुद क्राइसिस से घिरी नजर आती है, जहां पर जनप्रतिनिधियों में ही आपसी सहमति नहीं है। कल भी जब मीटिंग में शहर को किस तरह अनलॉक किया जाए, इसको लेकर भी जब आपसी सहमति नहीं बनी तो कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) ने मुख्यमंत्री के पाले में ही अनलॉक की गेंद डालकर भोपाल से ही फैसला करवा लिया।
54 दिन इंदौर को लॉक किए हुए हो गए और उसका ताला किस तरह खोला जाए इसकी समझ अधिकांश जनप्रतिनिधियों को नहीं है। रेसीडेंसी पर कल क्राइसिस मैनेजमेंट समिति (Crisis Management Committee) की बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस विधायकों को भी शामिल किया गया। आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) ने जहां विधानसभावार खोलने का अव्यवहारिक सुझाव दिया तो मालिनी गौड़ ने सराफा, कपड़ा बाजार, मारोठिया सहित मध्य क्षेत्र के घने बाजारों को खोलने की वकालात भी की। वहीं रमेश मेंदोला ने निजी कार्यालयों के साथ अन्य गतिविधियों को भी शुरू करने पर जोर दिया। पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे ने हर तरह के कारोबारियों को थोड़ी-थोड़ी राहत देने की बात कही। वहीं एक-दूसरे पर छींटाकशी भी होती रही। वैक्सीनेशन सेंटर बंद करवाने पर जहां संजय शुक्ला और सुदर्शन गुप्ता भिड़े तो जीतू पटवारी ने सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) से डीजी-2 दवा आईसीयू में ही उपलब्ध करवाने और फोटो शूट को लेकर चुटकी ली। मीटिंग में जब कोई आम सहमति अनलॉक को लेकर नहीं बनी तो कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) ने शासन की जो गाइड लाइन 4 दिन पहले आई थी उसी के अनुरूप और इंदौर की स्थिति अधिक ना बिगड़े उसके मद्देनजर आदेश तैयार कर मुख्यमंत्री को भोपाल भिजवा दिया। साढ़े 4 बजे पहले मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों से कोरोना की समीक्षा की, जिसमें किस तरह से अनलॉक प्रदेश को किया जाए उस पर बात करने के बाद फिर शाम को जनता को भी संबोधित किया। भोपाल से मिली अनुमति के बाद कलेक्टर ने रात को आदेश जारी कर दिया, जिसमें किराना, फल, सब्जी सहित अन्य आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई। वहीं शासन निर्देश पर शराब दुकानें भी खुलवाना पड़ी।
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