नई दिल्ली। Corona की दूसरी लहर ने देशभर में हाहाकार तो मचाया ही है, लेकिन इसके बरपाए कहर की पीड़ा सिर्फ एक बार की नहीं है। बल्कि यह हर रोज अपनों को खोने की तकलीफ में महसूस होने वाला दर्द बन गया है। सबसे बड़ा दर्द तो उनका है, जिन्होंने अभी कच्ची उम्र में सपने देखने की शुरुआत भर ही की थी। जो खाने-खेलने की उम्र में थे और पढ़-लिख कर कुछ बन जाना उनका अधिकार था। ऐसे तमाम बच्चे जिन्होंने महामारी के दौर में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया और वे अनाथ हो गए।
केंद्र व राज्य सरकार ने की है पहल
देश भर में कितने बच्चे इस दंश का शिकार हुए हैं, आंकड़ों में इसकी बात करना मुश्किल है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले इस संबंध में आदेश दिए हैं, वहीं केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारों ने ऐसे बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए पहल की है। फिर भी जब तक पीड़ित बच्चों की सही-सही संख्या और सटीक आंकड़ा न मिले यह पहल बेमानी है। हालांकि दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने राज्य में आंकड़े जुटाने की दिशा में काम किया है।
DCPCR ने जारी किया आंकड़ा
DCPCR की ओर से रविवार को अनाथ बच्चों का आंकड़ा जारी किया गया। आयोग के प्रमुख अनुराग कुंडु ने बताया कि 10 ऐसे बच्चों की भी पहचान की गई है जिन्होंने इस बीमारी के चलते अपने माता-पिता में से किसी एक को खोया है। उन्होंने बताया कि इस तरह के संकट का शिकार हुए बच्चों का पता लगाने के लिए इस महीने की शुरुआत में एक सर्वेक्षण शुरू किया गया था।
16 बच्चे ऐसे जिनके माता-पिता दोनों नहीं रहे
आयोग की सदस्य रंजना प्रसाद ने कहा, “16 बच्चों की पहचान की गई है जिन्होंने दूसरी लहर के दौरान अपने माता-पिता को खोया है। हम उनके बारे में पूछताछ कर रहे हैं कि क्या उन्हें चिकित्सा, राशन, काउंसलिंग, टीकाकरण आदि की जरूरत है।” उन्होंने कहा, “वे जो भी मदद मांग रहे हैं हम उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं।’’
आंगनवाड़ी से साझा कर रहे हैं विवरण
प्रसाद ने कहा कि कम उम्र के बच्चों के विवरण उनके निकटतम आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ साझा किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 मई को कहा था कि दिल्ली सरकार वैश्विक महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा एवं परवरिश का खर्च उठाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ऐसे बच्चों को हर महीने ढाई हजार रुपये देने की भी योजना बना रही है और जल्द ही इस संबंध में एक प्रस्ताव मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण के परिणामों को सरकार के साथ साझा किया जाएगा।
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