नई दिल्ली। स्वस्थ रहने के लिए शरीर में खून की अच्छी मात्रा का होना बहुत जरूरी है। कोरोना काल (Coronavirus) में भी कई मरीजों को ठीक करने के लिए उन्हें ब्लड (Blood) और प्लाज्मा (Plasma) चढ़ाया जा रहा है। अब तक आपने ए, बी, एबी, ओ पॉजिटिव और निगेटिव जैसे कई ब्लड ग्रुप्स (Blood Group Types) के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपको यह पता है कि दुनिया का सबसे रेयर यानी दुर्लभ ब्लड ग्रुप (Rarest Blood Group) कौन सा है? जानकारी (Knowledge) बढ़ाने के लिए पढ़ें यह लेख।
सबसे खास है गोल्डन ब्लड ग्रुप
मेडिसिन नेट पर छपी खबर के मुताबिक, गोल्डन ब्लड ग्रुप (Golden Blood Group) को सबसे दुर्लभ (Rare Blood Group) माना जाता है। इसका असली नाम असल नाम आरएच नल (Rh Null Blood Group) है। सबसे रेयर होने की वजह से शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने इसे गोल्डन ब्लड (Golden Blood) नाम दिया है। यह खून बेशकीमती (Blood Group Test Price) होता है क्योंकि इसे किसी भी ब्लड ग्रुप पर चढ़ाया जा सकता है। यह हर ब्लड ग्रुप के साथ आसानी से मैच हो जाता है (Blood Group Match)।
इस खून में होती है एंटीजन की कमी
अब तक शायद आपने गोल्डन ब्लड (Golden Blood) के बारे में ज्यादा कुछ पढ़ा-सुना नहीं होगा। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस ब्लड ग्रुप में किसी भी तरह का एंटीजन (Antigen) नहीं पाया जाता है। यूएस रेयर डिसीज इन्फॉर्मेशन सेंटर (US Rare Disease Information Centre) के अनुसार, गोल्डन ब्लड ग्रुप एंटीजन से रहित होता है इसलिए जिन लोगों के शरीर में यह खून होता है, उन्हें एनीमिया (Anaemia Disease) की शिकायत हो सकती है। यही वजह है कि ऐसे लोगों की जानकारी होते ही डॉक्टर उन्हें डाइट (Anaemia Diet) पर खास ध्यान देने और आयरन वाली चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करने की सलाह देते हैं।
सिर्फ 43 लोगों के पास है रेयर ब्लड
एक रिसर्च (Blood Research) के मुताबिक, अब तक यह खून सिर्फ 43 लोगों में ही पाया गया है। इनमें ब्राजील, कोलंबिया, जापान, आयरलैंड और अमेरिका के लोग शामिल हैं। रेयरेस्ट होने और सेम ब्लड ग्रुप को ही स्वीकार कर पाने की वजह से डॉक्टर इन लोगों को लगातार ब्लड डोनेशन (Blood Donation) करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर यह खून उन्हीं के काम आ सके।
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