नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) को पिछले साल कोरोना वायरस के चलते एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था। खेलों के महाकुंभ को इसी साल जुलाई में आयोजित किया जा रहा है। लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते इस साल भी इस बात पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इस साल भी ये खेल आयोजित हो पाएंगे या नहीं।
डॉक्टर्स ने दी चेतावनी
जापान (Japan) की एक चिकित्सा संस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ। नाओतो उएयामा ने गुरुवार को चेताया कि अगर निलंबित टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) का आयोजन दो महीने के भीतर किया गया तो इससे कोरोना वायरस के विभिन्न प्रकारों का प्रसार हो सकता है। जापान डॉक्टर्स यूनियन के अध्यक्ष उएयामा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) और जापान की सरकार ने 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों के 15000 ओलंपिक और पैरालंपिक खिलाड़ियों सहित हजारों अधिकारियों, जजों, मीडिया और प्रसारणकर्ताओं को देश में लाने के जोखिम को कमतर आंका है।
ओलंपिक आयोजन से होंगी मुश्किलें
उएयामा ने यहां जापान विदेशी संवाददाता क्लब में कहा, ‘कोविड-19 के सामने आने के बाद से दुनिया भर के इतने अधिक देशों के लोगों का एक ही जगह पर इतना खतरनाक जमावड़ा नहीं लगा। इसकी भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है कि इससे क्या हो सकता है। उएयामा ने हालांकि वायरस की तुलना ‘पारंपरिक जंग’ की स्थिति से की और कहा कि वह टोक्यो के बाहर अस्पताल में काम करने के अपने स्वयं के अनुबंध के आधार पर यह बात कह रहे हैं। वह ओलंपिक की योजना बनाने से किसी भी तरह से नहीं जुड़े हैं।
फैल सकता है कोरोना
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यहां महत्वपूर्ण यह है कि अगर ओलंपिक (Tokyo Olympics) के कारण वायरस का कोई नया प्रकार सामने आ गया तो क्या होगा।’ आईओसी और स्थानीय आयोजकों ने कहा है कि वे जनस्वास्थ्य दिशानिर्देशों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निर्भर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओलंपिक और पैरालंपिक सुरक्षित होंगे और इस दौरान विस्तृत परीक्षण, कड़े नियमों, सामाजिक दूरी और ओलंपिक खेल गांव के साथ टोक्यो खाड़ी में खिलाड़ियों को अधिकांश समय अलग थलग रखने पर ध्यान दिया जाएगा।
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