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    भारतीय युवक पसंद नहीं थे, इसलिए पाकिस्तानियों से करती थीं चैटिंग, घर के बाहर से पहरा हटा

  • May 28, 2021

    पाकिस्तानी कनेक्शन वाली दोनों बहनों को क्लीनचिट
    इंदौर, शुभांकर श्रीवास।
    पाकिस्तान कनेक्शन (Pakistan Connection) की शंका में महू (Mhow) की जिन दो युवतियों से पूछताछ की जा रही थी, उन्हें क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने क्लीनचिट (Clean Chit) दी और उनके घर से पहरा भी हटा दिया। बताया जा रहा है कि दोनों युवतियों से पूछताछ के दौरान ठोस सुराग नहीं मिल पा रहा था।
    8 दिनों तक लगातार क्राइम ब्रांच (Crime Branch) व देश की अन्य सुरक्षा खुफिया एजेंसियों ने महू (Mhow)  की यास्मिन और हिना से पूछताछ की। पूछताछ के पहले ही दिन यास्मिन ने अपने दिए गए बयान में कहा कि उसे भारतीय युवक पसंद नहीं हैं, उसे पाकिस्तानी युवक ज्यादा पसंद हैं। इसलिए वह पाकिस्तानी युवकों से फेसबुक और मेट्रीमोनियल साइट (Matrimonial Site) पर बातें कर रही थी। उन्होंने तय किया था कि पाकिस्तान में ही शादी करना है। पहले दिन का यही सबसे बड़ा यास्मिन द्वारा दिया गया बयान था, जिसे लेकर खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने यास्मिन से भी पूछा कि तुम्हें दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों में सिर्फ पाकिस्तान के ही लडक़े क्यों पसंद आए? इसका जवाब भी युवती ने कुछ इस अंदाज में दिया था कि मानो वह नमक तो हिंदुस्तान का खाती है, मगर गुणगान पाकिस्तान के करना चाहती है। इसी के चलते युवतियों से सच उगलवाने की मंशा को लेकर क्राइम ब्रांच की टीम 9 दिनों तक युवतियों के घर डटी रही। पूछताछ के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम से देश की 4 से अधिक खुफिया एजेंसियां संपर्क में थीं, किन्तु काफी मशक्कत के बाद भी फेसबुक और मेट्रीमोनियल साइट पर एक भी सुराग हाथ न लगने के कारण युवतियों को क्लीनचिट देना क्राइम ब्रांच की मजबूरी बन गया।
    दो सालों में 20 पाकिस्तानियों से की चैटिंग-वीडियो कॉलिंग
    भारतीय सुरक्षा खुफिया एजेंसी (Security Intelligence Agencies) के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक यास्मिन ने वर्ष 2019 में अपने फेसबुक अकाउंट से पाकिस्तानी लडक़ों से बातचीत करना शुरू किया था। यास्मिन ने पिछले 2 सालों के दौरान लगभग 20 से ज्यादा अलग-अलग पाकिस्तानी लडक़ों से चैटिंग और वीडियो कॉलिंग भी की है। वह प्रतिदिन फेसबुक पर किसी न किसी पाकिस्तानी युवक से चैटिंग या वीडियो कॉलिंग जरूर किया करती थी।
    मैट्रिमोनियल साइट पर 8 महीने पहले आई थी यासमीन
    खुफिया एजेंसी (Intelligence Agencies) के अधिकारी के मुताबिक यास्मिन ने 8 महीने पहले मेट्रीमोनियल साइट (Matrimonial Site)  पर अपना अकाउंट बनाया था। यहां उसने फेसबुक की तुलना में काफी कम लडक़ों से बातचीत की। लगभग 4 से 5 ही युवक थे, जिनसे यास्मिन बात किया करती थी। गौर करने वाली बात यह है कि मेट्रीमोनियल साइट पर भी यास्मिन सिर्फ पाकिस्तानी लडक़ों से ही बातें किया करती थी।
    चैटिंग डिलीट कर दिया करती थीं दोनों बहने
    यास्मिन और हिना दोनों बहनों पर क्राइम ब्रांच और खुफिया एजेंसियों का शक और गहरा तब हुआ, जब उन्होंने दोनों को नजरबंद कर उनकी हिस्ट्री खंगालना शुरू की। इस दौरान उन्हें फेसबुक और मेट्रीमोनियल साइट की चैटिंग पूरी तरह डिलीट मिली, जबकि खुफिया एजेंसियों के रिकॉर्ड के मुताबिक युवतियों ने पाकिस्तानी युवकों से कई-कई घंटों चैटिंग और वीडियो कॉलिंग पर बात की थी।


    मोबाइल से 3 महीने में 300 से ज्यादा बार बात
    फेसबुक और मेट्रीमोनियल साइट (Matrimonial Site)  के अलावा मोबाइल सिम से सीधे पिछले 3 महीनों में यास्मिन ने 300 से ज्यादा बार पाकिस्तानी युवकों से बात की। खुफिया एजेंसियों के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के मुताबिक यास्मिन मोबाइल सिम से एक दिन में तीन से चार बार अलग-अलग युवकों से घंटों तक बात किया करती थी। इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने मोबाइल सिम कंपनी को पिछले एक साल का डाटा देने के लिए कहा, मगर मोबाइल सिम कंपनी ने क्राइम ब्रांच को सिर्फ 3 माह का डाटा ही दिया। इसमें सिर्फ कॉल एक नंबर से दूसरे नंबर पर जाने और दिनांक व समय की ही डिटेल है। कंपनी द्वारा कॉल रिकॉर्डिंग का किसी भी तरह का डाटा उपलब्ध नहीं कराया जा सका, जिस कारण क्राइम ब्रांच सबूत नहीं जुटा सकी।
    नई गाइड लाइन से जांच में मदद
    केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए सोशल मीडिया (social media)  प्लेटफॉर्म के नए नियमों के अंतर्गत फेसबुक, ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में नोडल ऑफिसर, रेसीडेंट ग्रीवांस ऑफिसर तैनात करना होगा, जो इंडिया में बेस्ड होगा। इन ऑफिसर को 15 दिनों के भीतर ओटीटी कंटेंट के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों का निवारण करना होगा। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार सेना एवं पुलिस की कार्रवाई में भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साइट को सहयोग प्रदान करना होगा।
    यास्मिन ने दिया था नंबर
    2019 से यास्मिन पाकिस्तानियों के कनेक्शन में थी। कुछ महीनों तक पाकिस्तानी युवकों से बात करने के बाद यास्मिन ने ही अपनी बहन हिना का नंबर भी कुछ पाकिस्तानी युवकों को दिया और इसके बाद हिना ने भी पाकिस्तानी युवकों से बातचीत शुरू की, मगर दोनों बहनों में पाकिस्तान के युवकों से सबसे ज्यादा बातचीत यास्मिन द्वारा ही की जाती थी।
    फेसबुक ने हडक़ाया, चैटिंग की कोई जानकारी खुफिया एजेंसी और क्राइम ब्रांच को नहीं दी
    यास्मिन और हिना का पाकिस्तानी कनेक्शन ढूंढना देश की सुरक्षा खुफिया एजेंसियों और क्राइम ब्रांच के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी, किंतु फेसबुक के प्रावधान के मुताबिक वह किसी को भी अपने यूजर की चैटिंग उपलब्ध नहीं कराता है। बात भले ही देश की सुरक्षा की हो, इसमें भी फेसबुक किसी तरह की सहायता प्रदान नहीं करता है। देश की खुफिया एजेंसियों और क्राइम ब्रांच द्वारा फेसबुक से डाटा मांगने पर फेसबुक के उच्चाधिकारियों ने प्रावधान बताकर अधिकारियों को हडक़ा दिया था।
    इसलिए किया था नजरबंद
    खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक यास्मिन और हिना के पिता सेना में कार्यरत थे, जिनका कुछ वर्ष पहले निधन हो गया। यदि पिता के सेना में कार्यरत रहने के दौरान दोनों युवतियों में से किसी ने भी पाकिस्तान बात की होती तो सेना पहले युवतियों को गिरफ्तार करती, मगर संविधान में फौज और आम नागरिकों पर अलग-अलग नियम लागू होते हैं। इसके चलते दोनों युवतियों के पिता के निधन के बाद दोनों युवतियों की गिनती आम नागरिक में ही की गई। इसके चलते क्राइम ब्रांच ने बगैर गिरफ्तार किए उन्हें घर में ही नजरबंद कर पूछताछ की थी। सेना के नियमानुसार किसी फौजी या उसके परिवार के किसी व्यक्ति के पास दुश्मन देश का अगर मिस कॉल या खाली टेक्स्ट मैसेज भी आ जाए तो उक्त व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर जांच बैठाने का प्रावधान है।

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