भोपाल। राजधानी के सबसे पुराने और बड़े मदरसा मस्जिद तर्जुमा (Madrasa mosque Pattern) वाली के संस्थापक संचालक मुफ्ती अब्दुल रज्जाक साहब (Mufti Abdul Razzaq Sahab) का बुधवार रात इंतकाल हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे मुफ्ती रज्जाक साहब (Mufti Abdul Razzaq Sahab) के इंतकाल (Death) की खबर से शहर में शोक की लहर छा गई। गोरतलब है कि मुफ्ती रज्जाक साहब (Mufti Abdul Razzaq Sahab) जमीयत उलेमा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे। राजधानी के सबसे बड़े दीनी मदरसा (Dini Madrasa) के संचालक थे। शहर और प्रदेश भर के कई बड़े काजी, मुफ्ती और आलिम उनके शागिर्द रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानी रहे रज्जाक साहब (Razzaq Sahab) को सियासी, सामाजिक, दीनी और हर वर्ग में समान सम्मान हासिल था। उनकी नमाज ए जनाजा और दफन के लिए समय निर्धारित करने की बैठक फिलहाल जारी है।
पुराने शहर की गलियों पर लगाए बैरिकेट्स
मुफ्ती साहब के जनाजे में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए पुराने भोपाल को चारो ओर से सील किया गया है। पुराने भोपाल के मुख्य रास्तों और गलियों तक पर बेरिकेट्स लगाए गए हैं, ताकि लोग घरों से बाहर न निकलें। पुलिस को आशंका है कि मुफ्ती अब्दुल रज्जाक का मुस्लिम समाज में काफी सम्मान रहा है। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में लोग उनके जनाजे की नमाज अता करने और अंतिम संस्कार में शामिल होने आ सकते हैं। आज दोपहर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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