पिथौरागढ़। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण (Infection) से जिस तरह भारत में लोगों की जानें गई हैं यह किसी से छुपा नहीं हैं। कई जगह तो शवों को दफनाने की जगह भी कम पड़ गई तो कहीं-कहीं शव को दाह संस्कार की जगह नदियों में ही बहा दिया था।
बता दें कि गंगा नदी में कई शव देखे गए थे जिसके बाद जांच पाया गया कि उत्तरप्रदेश (UP) और बिहार यह घटना सामने आई, हालांकि सरकार ने तुरंत इस प्रतिबंध लगा दिया, किन्तु एक बार फिर यह घटना सामने आई जहां उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की सरयू नदी (Saryu River in Pithoragarh District of Uttharakhand) के किनारे शव पाए गए। माना जा रहा है कि ये शव COVID-19 पॉज़िटिव मरीजों के हैं।
उत्तराखंड में सरयु नदी (Saryu River in Pithoragarh District of Tarakhand) में शवों के पाए जाने पर स्थानीय लोग इस घटना से बेहद डरे हुए हैं, क्योंकि जहां लाशें मिली हैं, वहां से जिला मुख्यालय सिर्फ 30 किलोमीटर दूर है। पिथौरागढ़ में पीने के पानी की सप्लाई के लिए नदी से ही पानी लिया जाता है। लोगों को आशंका है कि नदी में शव मिलने के बाद पानी के दूषित होने से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है। ज़िले के लोग इस बात से पहले ही डरे हुए बताए गए हैं कि इस महीने वैसे ही कोरोना संक्रमण के आंकड़े ऑल टाइम सबसे ज़्यादा रहे हैं. दूसरे, स्थानीय लोगों ने इस बात पर भी ऐतराज़ जताया है कि शवों का अंतिम संस्कार ठीक से न किए जाने या खुले में किए जाने से संक्रमण फैलने की रफ्तार और बढ़ सकती है।
वहीं कोविड के मरीज़ों के अंतिम संस्कार के काम को सुपरवाइज़ करने वाले ज़िले के तहसीलदार पंकज चंदोला ने साफ तौर पर कहा कि सरयू नदी में जो लाशें मिली हैं, वो पिथौरागढ़ की नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी लाशों की शिनाख्त नहीं हो सकी है और जांच की जा रही है।
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