कोरोना वायरस (Corona virus) की दूसरी लहर में जो मरीज ठीक हो गए हैं, उन पर सबसे ज्यादा खतरा म्यूकर माइक्रोसिस यानी ब्लैक फंगस का मंडरा रहा है। कोरोना के कम होते मामलों के बावजूद ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों से चिंता बढ़ गई है। गुजरात (Gujarat) में भी ब्लैक फंगस (Black fungus ) के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदेश में ब्लैक फंगस का एक मामला ऐसा भी सामने आया है जो पिछले पांच महीने से ठीक नहीं हो सका।
जानकारी के मुताबिक राजकोट के रहने वाले एक युवा विमल दोषी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। विमल ने कोरोना को तो मात दे दी लेकिन पिछले पांच महीने से ब्लैक फंगस से जूझ रहे हैं। वे ब्लैक फंगस के लगातार बढ़ते इंफेक्शन से परेशान हैं। विमल को अब तक ब्लैक फंगस के लिए दिए जाने वाले 39 इंजेक्शन भी लगाए जा चुके हैं। इन पांच महीनों के दौरान विमल की छह बार सर्जरी(Surgery) भी की जा चुकी है। अब सातवीं सर्जरी होनी है।
चांदनी के मुताबिक ब्लैक फंगस के इंफेक्शन की वजह से वे पिछले पांच महीने से आणंद में ही रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि विमल के अब तक के इलाज में उनके जीवन की ज्यादातर जमा-पूंजी खत्म हो चुकी है। चांदनी ने बताया कि इलाज में पूरी जमा पूंजी तो लगी ही, उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ गया। इलाज में अब तक करीब 41 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और अब भी करीब 10 से 15 लाख रुपये की जरूरत है।
क्या कहते हैं डॉक्टर
विमल का इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है कि कोरोना के बाद जिस तरह वे ब्लैक फंगस की चपेट में आए, उनका बचे रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है। डॉक्टर ने बताया कि अब तक विमल की छह बड़ी सर्जरी की जा चुकी है। विमल की पत्नी चांदनी ने बताया कि उनकी अब तक चार लेप्रोस्कोपी (Four laparoscopy), एक फोरहेड सर्जरी और ब्रेन सर्जरी हो चुकी है। चांदनी ने कहा कि हमने मान लिया था कि वे पूरी तरीके से ठीक हो चुके हैं तभी उनके ब्रेन में ब्लैक फंगस पाया गया।
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