नई दिल्ली। देश में चल रही कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) की दूसरी लहर (Second Wave) से इकॉनमी (economy) को शुरुआती अनुमानों से कहीं ज्यादा भारी नुकसान (huge loss) हो सकता है और इसकी भरपाई में कई साल लग सकते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि राज्यों ने संक्रमण को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन (Lockdown) लगाया है। साथ ही वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार(Slow vaccination) और विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील में समानता नहीं होने से इकनॉमिक रिकवरी (Economic recovery) की राह मुश्किल हो सकती है।
बार्कलेज (Barclays) की मंगलवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अब कम होने लगा है लेकिन इसका आर्थिक नुकसान अनुमान से कहीं अधिक लग रहा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि इससे नॉमिनल टर्म्स में इकॉनमी को 74 अरब डॉलर यानी 5.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है जो जीडीपी(GDP) का 2.4 फीसदी है। फर्म ने पहले इसके 38 अरब डॉलर रहने का अनुमान जताया था। देश में कोरोना की दूसरी लहर की आर्थिक कीमत तेजी से बढ़ रही है।
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