उज्जैन। एक ओर सरकार कोरोनारोधी टीकाकरण (Anti-coronary vaccination) के लिए आव्हान कर रही है वहीं दूसरी ओर टीका लगाने में लापरवाही बरती जा रही है। उस पर भी जुमला यह कि लगवाना हो तो लगवाओ,यहां तो ऐसे ही लगेगा। मामला पुलिस सामुदायिक केंद्र,सर्किट हाउस (Police Community Center, Circuit House) के समीप बनाए गए टीकाकरण केंद्र का है। यहां पर डॉक्टर्स और पंजीयन करनेवाली टीम तो पूरी तरह से सहयोग कर रही है लेकिन लोगों की शिकायत है कि पेरामेडिकल स्टॉफ के द्वारा जिसप्रकार से लापरवाही करते हुए टीका लगाया जा रहा है,उससे लोगों में आक्रोश है। टीका लगाने में खून तक निकल रहा है। लोगों ने डॉक्टर को शिकायत भी की कि आपका स्टॉफ थक गया है तो उसे बदलवा दें। लेकिन लोगों की जान से न खेला जाए।
यहां टीका लगवाने आए लोगों को यह भी नहीं समझाया जाता कि हाथ मोड़कर बैठें। हाथ को ढीला छोड़ दें। नर्स ने टीका कुर्सी पर बैठे-बैठे(चित्र में देखें)लगा दिया। एक ही हाथ से सूई डालकर उसी हाथ से इंजेक्शन पकड़ा और दवाई को अंगुठे से दबाकर छोड़ दी। न तो चमड़ी को पहले सेनेटाईज किया और न ही बाद में। दर्द से पीडि़त लोगों की आह निकल आई। झटके से वापस इंजेक्शन निकालने के चलते टीका लगानेवाली जगह से खून भी निकला।
इस बात की शिकायत जब प्रभारी डॉ.आशीष सक्सेना से की गई तो उन्होने संबंधित नर्स को समझाया कि यह गलत कर रही हो। जो भी टीका लगवाने आए,उसको पहले हाथ मोडऩे का कहो,फिर हाथ ढीला छोडऩे को कहा। उसके बाद कुर्सी से उठकर दोनों हाथ की सहायता से टीका लगाओ। कुर्सी पर बैठे-बैठे टीका लगाना गलत तो है ही,यह तकनीक भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को खून क्यों आ रहा है,ऐसा नहीं होना चाहिए। लोगों ने शिकायत भी की कि उन्होंने जब इस बात का विरोध किया तो नर्स का कहना था कि ऐसे ही लगेगा टीका,लगवाना हो तो लगवाओ। इस संबंध में कल ही कलेक्टर को भी शिकायत की गई है।
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