नई दिल्ली। कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों के जीवन में काफी नकारात्मकता (Negativity) आ गई है. ऐसे में दुनिया के कई देशों में नकारात्मकता से बचने के लिए गाय को गले लगाने का प्रचलन बढ़ रहा है. इसे Cow Hug Therapy नाम दिया जा रहा है.
खबरों के अनुसार, अमेरिका(America) में तो लोग इस Cow Hug Therapy को इतना पसंद कर रहे हैं कि इसके लिए एक घंटे के करीब 200 डॉलर यानी कि भारतीय मुद्रा में बात करें तो 16 हजार रुपए खर्च कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता (Congress leader) और पूर्व मंत्री (former minister) मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने एक रिपोर्ट का वीडियो लगाया है, जिसमें लोग खासकर महिलाएं गायों को गले लगाते दिखाई दे रही हैं. लोगों का कहना है कि इससे उनका तनाव दूर होता है.
साल 2007 में अप्लाईड एनिमल बिहेवियर साइंस नामक जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, गाय को गले लगाने से लोगों में सकारात्मकता का संचार होता है और उनका तनाव भी कम होता है. साथ ही इंसानी शरीर में ऑक्सीटॉसिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है, जो हमारा मूड बेहतर करता है. बता दें कि इंसान जब अपने परिजनों, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलता है तब उसके शरीर में ऑक्सीटॉसिन का स्त्राव होता है. इससे इंसानों का ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल होता है.
बता दें कि पश्चिमी देश अब गाय की अहमियत को स्वीकार कर रहे हैं लेकिन हमारी संस्कृति में हजारों साल से गाय की अहमियत रही है. कहा जाता है कि घर में अगर गाय है तो उससे कई तरह की बीमारियां नहीं होंगी. हालांकि इन बातों को हमेशा पिछड़ेपन और अज्ञानता से जोड़कर देखा गया. लेकिन अब पश्चिम के देशों में Cow Hug थेरेपी की शुरुआत बता रही है कि इसका सचमुच असर होता है और हमारे पुरखे जो सदियों पहले कह गए थे वो सही है.
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