नई दिल्ली। कोरोन वायरस (Corona Virus) से राज हजारों जानें जा रही हैं, कोविड-19 (Covid19) को प्रसार को अगर कोई रोक सकता है तो वह वैक्सीन (Vaccine) है। सिर्फ वैक्सीन के जरिए ही कोरोना पर लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन देश टीके की कमी से जूझ रहा है। कई राज्यों के मुख्यंत्रियों ने अपने यहां टीकाकरण अभियान (Vaccination campaign) रोक दिया है।
अब एक सरकारी पैनल के अध्यक्ष ने कहा है कि कोरोना (Corona) की खुराकों में समय बढ़ाकर कोविड-19 (Covid19) के टीकों को बचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा सबसे कमजोर लोगों को कवर करना चाहिए था, इसके बाद सभी वयस्कों के लिए खोला जाना चाहिए था।
कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण में दुनिया की सबसे खराब वृद्धि से निपटने के लिए, नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 1 मई से सभी वयस्कों को टीकाकरण के लिए योग्य बना दिया। वैक्सीन की कमी ने अब राजधानी नई दिल्ली सहित कई क्षेत्रों में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को प्रभावित किया है।
टीकाकरण पर सरकार के राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के प्रमुख नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने शुक्रवार को बताया कि यह वैक्सीन की खुराक बचाने के लिए किया गया है। हमने तीन महीने, छह महीने या नौ महीने की देरी से टीके लगाने पर चर्चा की, लेकिन अंत में हमने कहा हम इसे तीन महीने के साथ आगे बढ़ाते हैं।
अरोड़ा ने कहा कि भारत में टीके की कमी को देखते हुए, सबसे अधिक जोखिम वाले टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए था। हमारे समूह ने 45 या अधिक आयु वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी। क्योंकि 75 फीसदी मृत्यु दर उस आयु वर्ग में हैं।
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