आवेदन दिया…अपमान मिला…
डीन को देना पड़ता है आवेदन, लेकिन लोगों को इंजेक्शन नहीं अपमान मिला
इन्दौर। शहर में ब्लैक फंगस (Black fungus) के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं, लेकिन उसकी दवाई और इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। प्रशासन ने कमेटी तो गठित कर दी है, लेकिन कमेटी के पास जाने वाले मरीजों के परिजनों को अपमानित होना पड़ रहा है। कल कुछ मरीज वहां पहुंचे थे, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वे बिफर गए। बाद में एमजीएम मेडिकल प्रशासन ने पुलिस तक बुलाने की धमकी दे दी। मामले की शिकायत प्रभारी मंत्री सहित संभागायुक्त को भी की गई है।
ब्लैक फंगस (Black fungus) की दवाइयों के मामले में प्रशासन ने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज (Mahatma Gandhi Medical College) के डीन सहित दो अन्य डॉक्टरों की कमेटी गठित की है, जो तय करेगी कि ब्लैक फंगस के इंजेक्शन प्राथमिकता के आधार पर किसे दिए जाएं। इसको लेकर मरीज के परिजनों को एक आवेदन यहां देना पड़ रहा है। कल भी बड़ी संख्या में मरीजों के परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए, लेकिन वहां उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार परिजन डीन डॉ. संजय दीक्षित (Dean Dr. Sanjay Dixit) से मिलना चाह रहे थे, लेकिन वे नहीं मिले तो परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने धमकी दी कि अगर आप लोग यहां से नहीं गए तो पुलिस को बुलाना पड़ेगा। इस मामले में मरीजों के कुछ परिजनों ने पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा को ये जानकारी दी तो वे भी भडक़ गए। उन्होंने डॉ. दीक्षित को फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा (Dr. Pawan Kumar Sharma) को इस बारे में शिकायत की गई। इसके साथ ही प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को भी शिकायत की गई है। नेमा ने कहा कि ऐसे समय में जब लोगों की मदद करना है, तब डीन उनसे बात तक नहीं कर रहे हैं, जो गलत है। नेमा ने कहा कि इस मामले में वे मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे।
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