भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि आक्रामक टेस्टिंग (Aggressive testing) रणनीति, कांटेक्ट ट्रेसिंगऔर माइक्रो कंटेंनमेंट जोन बना कर प्रदेश में शेष रहे कोरोना प्रकरणों को जल्द समाप्त करना होगा। जहाँ आवश्यक हो, वहाँ एरिया स्पेसिफिक रणनीति लागू की जाये। प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त बनाने के लिए क्राइसेस मेनेंजमेंट ग्रुप (The crises management group) के सभी सदस्य और शासकीय अमला पूरी सजगता और सचेत होकर इस दिशा में कार्य करें। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जायें और कोरोना संभावित व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए किल कोराना अभियान में घर-घर सर्वे का कार्य निरंतर जारी रहे। प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल दवा दी जाये और उनकी स्थिति पर नजर रखा जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना प्रभावित व्यक्ति को यदि ऑक्सीजन लगाने की आवश्यकता है, तो वह अस्पताल में डॉक्टर की देखरेख में ही लगाई जाये। अनियंत्रित ऑक्सीजन के उपयोग से मरीजों के फेफड़ों को नुकसान हो रहा है। जिला कलेक्टरों को इस पर नजर रखने के निर्देश दिये गये।
बैठक में भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा तथा राजगढ़ कलेक्टर द्वारा शासकीय तथा निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था, सेंपिलिंग टेस्टिंग की व्यवस्था, पॉजिविटी रेट, संक्रमित मरीजों और कंटेनमेंट एरिया प्रबंधन, ऑक्सीजन के प्रबंधन, टीकाकरण अभियान, आयुष्मान भारत योजना में लाभान्वित मरीजों की संख्या और मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए व्यवस्था के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया।
31 मई के बाद क्रमबद्ध रूप से होगा जीवन सामान्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 31 मई के बाद लगातार सावधानियाँ बरतना आवश्यक है। मई माह के बाद क्रमबद्ध रूप से जीवन सामान्य होगा। कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक व्यवहार अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जायेगा। टीकाकरण के लिए जन-जागरण और टीके के संबंध में बने भ्रम को दूर करना आवश्यक है। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि एक भी टीका व्यर्थ नहीं जाये।
विदिशा मेडिकल कॉलेज में भी होगा ब्लैक फंगस का इलाज
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए तैयारी के उद्देश्य से अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और बच्चों के लिए वार्ड स्थापित करने की व्यवस्था की जायेगी। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड बढ़ाये जायेंगे। ब्लैक फंगस इलाज के लिए मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था की जा रही है। विदिशा मेडिकल कॉलेज में भी इसकी व्यवस्था होगी।
प्रदेश ऑक्सीजन में होगा आत्म-निर्भर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन में आत्म-निर्भता के लिए प्रत्येक जिले में गतिविधियाँ आरंभ करनी होंगी। बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट तथा अन्य व्यवस्थाएँ आवश्यक हैं। इसके लिए बिजली पर छूट और सरकारी अनुदान की व्यवस्था की जायेगी।
मेरा जिला कोरोना मुक्त जिला
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल संभाग के सभी जिले ‘मेरा जिला कोरोना मुक्त जिला” का संकल्प लें और इस दिशा में सब मिलकर प्रयास करें। यह उपलब्धि जन-जन के सहयोग और टीम भावना से ही संभव है। समीक्षा बैठक में भोपाल कलेक्टर ने बताया कि भोपाल क्षेत्र में टेस्टिंग के लिए 28 मोबाइल जाँच दल सक्रिय हैं। मरीजों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए निरामय भोपाल एप विकसित किया गया है, जिस पर योग, मनोचिकित्सक, फीजियोथ्रेपिस्ट व चिकित्सक से संपर्क किया जा सकता है। अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। जहाँ जन-अभियान परिषद तथा स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से भोजन तथा मरीज व उनके परिजनों की सहायता के लिए अन्य व्यवस्थाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। किल कोरोना अभियान में भी स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जा
रहा है।
वाल पेंटिंग से दी कोरोना की दवाओं की जानकारी
राजगढ़ कलेक्टर ने बतया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज को लगने वाली दवाओं के नाम वाल पेंटिंग द्वारा ग्राम पंचायत भवनों पर प्रदर्शित किये गये हैं। इससे जागरूकता बढ़ी है और मरीजों का दवाएँ लेना भी बढ़ा है। राजगढ़ कलेक्टर ने बताया कि ऐसे बहुत से प्रकरण आये हैं जिसमें ग्रामीण बुखार को टाइफाइड या मोतीझिरा मान रहे थे, वह टेस्टिंग के बाद कोरोना निकला। ऐसे मरीजों का तत्काल उपचार आरंभ किया गया है। विदिशा कलेक्टर ने बताया कि राशन दुकानों और हेंड पंपों पर अधिक भीड़ न हो इसके लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved