डेस्क। राजीव गांधी के हत्यारों में एक एजी पेरारिवलन 30 सालों से जेल में है। वो तब केवल 19 साल का था जब उसे 11 जून 1991 में गिरफ्तार किया गया। बाद में वो अदालत की हत्या की साजिश रचने के जुर्म में दोषी पाया गया। वो एक प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग छात्र था। गिरफ्तारी के बाद उसने जेल में ही पढ़ाई की। इसमें एक परीक्षा में वो गोल्ड मेडलिस्ट भी रहा। अभी हाल ही में उसे 01 महीने के पैरोल पर जेल से रिहा किया गया है।
पेरारिवलन अब 50 साल का होने वाला है। हालांकि वो अब भी यही कहता है कि राजीव गांधी की हत्या से उसका कोई लेना देना नहीं था। वो इस बारे में कुछ नहीं जानता था। उसे तो केवल एक बैटरी का इंतजाम करने को कहा गया था। लिहाजा उसने वही किया था।
साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाला
पेरारिवलन को लोग अरिवु के नाम से भी जानते हैं। तमिलनाडु में उसका नाम घर – घर में जाना जाता है। हालांकि उसके पेरेंट्स अब भी उसके निर्दोष होने की अदालती लड़ाई लड़ रहे हैं। राजीव गांधी के सारे हत्यारों को पहले मौत की सजा सुनाई गई थी, जो अब आजीवन कारावास में बदल चुकी है। अरिवू के पिता एक स्कूल में टीचर थे। वो एक छोटे कस्बे जोलारपेट का रहना वाला था। जब सीबीआई ने उसे गिरफ्तार किया तो ये उसके परिवार के लिए बहुत बड़ा झटका था।
जेल में ही पहले बीसीए और फिर एमसीए किया
जेल में आने के बाद उसने 12वीं क्लास का एग्जाम दिया, जिसमें वो 91।33 फीसदी नंबर लेकर पास हुआ। अब तक जेल में जिन लोगों ने ये एग्जाम दिया है, उसमें वो टापर है। इसके बाद उसने तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी के एक डिप्लोमा कोर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके बाद भी उसकी पढ़ाई रुकी नहीं बल्कि उसने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से पहले बैचलर इन कम्प्युटर अप्लीकेशन (बीसीए) किया और फिर एमसीए। जेल में रहकर वो अपने जेल के साथियों के साथ एक म्युजिक बैंड चलाता है। मीडिया में उसके बारे में जो रिपोर्ट छपती रहती हैं, उसके अनुसार वो खुशमिजाज रहने वाला शख्स है।
उसने खरीदी थी वो बैटरी जो विस्फोट में काम आई
पेरारिवलन के पेरेंट्स पेरियार के अनुयायी हैं। उस पर अदालत में जो आऱोप साबित हुआ, वो ये था कि उसने वो 09 वोल्ट की बैटरी खरीदी थी, जिसके जरिए राजीव गांधी की पेराम्बदूर की रैली में धमाका किया गया। सीबीआई का दावा है कि वो राजीव गांधी की हत्या करने वाले मास्टरमाइंड लोगों के संपर्क में था। उसके पास उनके एक-दो मैसेज भी आए थे।
मां ने लगाई थी मर्सी किलिंग की गुहार
एजी पेरारिवलन की मां अर्पूथम्मल ने करीब 03 साल पहले राष्ट्रपति से गुहार लगाई थी कि जेल में लगातार बंद रहने से उनके बेटे की हालत इतनी खराब हो गई है कि उसे मर्सी किलिंग की अनुमति दे दी जाए। मां ने पहले बेटे की रिहाई के लिए भी बरसों भागदौड़ की। अदालतों के चक्कर लगाए। द हिंदू समाचार पत्र से बातचीत में वर्ष 2018 में अर्पूथम्मल ने कहा था कि उनका बेटा कई बीमारियों का शिकार हो चुका है और अब वो ज्यादा जीना नहीं चाहता। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्तालिन ने राष्ट्रपति कोविंद से उसकी गिरफ्तारी की भी मांग की है। वैसे अक्सर तमिलनाडु के लोग उसे बेगुनाह मानते हुए उसकी रिहाई की अपील करते रहे हैं।
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