नौतपा की होगी शुरुआत, सूर्य इस दिन रोहिणी नक्षत्र में सबेरे 8 बजकर 16 मिनट पर प्रवेश करेंगे
इन्दौर। आगामी 25 मई को भगवान सूर्य नारायण रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में प्रवेश करेंगे और इसी के साथ ही नौतपा शुरू हो जाएगा। सूर्य इस दिन रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में सबेरे 8 बजकर 16 मिनट पर प्रवेश करेंगे। यह स्थिति 3 जून तक रहेगी। 26 मई से मंगल व शनि का समसप्तक योग बनने से धरती खूब तपेगी और अग्नि कांड का भय भी बना रहेगा, लेकिन अभी तो मौसम तूफान की वजह से बदला हुआ है ।
ज्योतिष मान्यता है कि नौतपा ज्यादा तपता है तो बारिश अच्छी होती है सूर्य के वृष राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला में रहने तक नौतपा की स्थिति बनती है। सूर्य 8 जून तक इस स्थिति में रहने वाला है। ऐसे में नौतपा खत्म होने के बाद भी कई दिनों तक तेज गर्मी (heat) पड़ेगी। पंचांग के अनुसार 11 मई से ज्येष्ठ माह शुरू हुआ जो 9 जून तक रहेगा। इस दौरान कई योग बन रहे हैं, जो भीषण गर्मी (heat) बढ़ाएंगे। यह भी दिलचस्प तथ्य है कि पिछले 5 सालों में नौतपा 25 मई को ही आ रहा है। 4 अप्रैल को सूर्य की उच्च राशि मेष में प्रवेश के साथ ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। इस बार गर्मी का असर 8 जून तक ज्यादा रहेगा। 25-26 मई को सूर्य उदय के समय चंद्रमा पृथ्वी तत्व की राशि वृषभ में रहने के साथ ही सूर्य व मंगल की युति के कारण 2 दिन तापमान में बढ़ोत्री होगी और इस दौरान लोग गर्मी (heat) से बेहाल रहेंगे। 27 व 28 मई को सूर्य उदय के समय में चंद्रमा वायु तत्व की राशि मिथुन में इस योग से शाम को आंधी आने की भी संभावना बन रही है, साथ ही इन दिनों आसमान में बादल छाए रहने और कहीं-कहीं बूंदाबांदी की संभावना भी रहेगी। 29 व 30 मई को पूरे दिन व 31 मई को सुबह 11.13 तक चंद्रमा जल चर राशि कर्क में रहेगा जिससे बारिश की संभावना बनेगी। 31 मई को 11.13 से 2 जून शाम 6.19 तक चन्द्रमा अग्नि तत्व की राशि सिंह में रहने से तापमान बढ़ेगा।
नौतपा के नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले
ज्योतिष गणना के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में 15 दिनों के लिए आता है तो उन 15 दिनों के पहले 9 दिन सर्वाधिक गर्मी (heat) वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। खगोल विज्ञान के अनुसार, इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधी लम्बवत पड़ती हैं। जिस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।
यह है नौतपे का पौराणिक महत्व
मान्यता के अनुसार, नौतपा का ज्योतिष के साथ-साथ पौराणिक महत्व भी है। ज्योतिष के सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का वर्णन आता है। कहते हैं जब से ज्योतिष की रचना हुई, तभी से ही नौतपा भी चला आ रहा है। सनातन सस्कृति में सदियों से सूर्य को देवता के रूप में भी पूजा जाता रहा है।
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