नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Global epidemic corona virus) की दूसरी लहर से भारत सबसे ज्यादा जूझ रहा है। कोरोना के नए मामलों और रोजाना होने वाली मौतों के आंकड़ों ने दुनियाभर का रिकॉर्ड तोड़ दिया और अब कहा जा रहा है कि भारत में तीसरी लहर भी आएगी। आने वाली तीसरी लहर और भी अधिक विकराल हो सकती है। इस बीच कोविड-19 संक्रमण संबंधी अनुमान जताने के लिए गणित का इस्तेमाल करने वाले सूत्र मॉडल से जुड़े वैज्ञानिक एम विद्यासागर (Scientist M. Vidyasagar) ने कहा कि यदि देश में टीकाकरण अभियान तेज नहीं किया गया और कोविड-19 से निपटने के लिए आवश्यक नियमों का पालन नहीं किया गया, तो आगामी छह से आठ महीने में कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका है।
हालांकि वैज्ञानिक ने जोर देकर कहा है कि सूत्र मॉडल ने अभी किसी तीसरी लहर का अनुमान नहीं जताया है, लेकिन वह इस पर काम कर रहा है। आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर ने इटली के शोधरकर्ताओं के एक पेपर का हवाला दिया है। इस पेपर में घटते एंटीबॉडीज वाले संक्रमित लोगों की जांच रिपोर्ट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एंटीबॉडीज इन लोगों को छह महीने तक संक्रमण से सुरक्षा कर सकती है।
उन्होंने कहा कि हम अपने भविष्य के अनुमानों के लिए प्रतिरक्षण एवं टीकाकरण के पहलुओं को भी जोड़ रहे हैं।’ मिलान के सैन रैफेल अस्पताल की ओर से किए गए एक अध्ययन में कोरोना से संक्रमित लोगों के रक्त में कम से कम आठ महीने तक एंटीबॉडीज पाई गई।
बता दें कि भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन भी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आशंका जता जुके हैं। उन्होंने गत पांच मई को कहा कि कोरोना वायरस जिस तरह से अपना स्वरूप बदल रहा है उसे देखते हुए देश में तीसरी लहर का आना तय है। इसे देखते हुए तीसरी लहर का सामना करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
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