नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर जारी है. देशवासी जिस दर्द और बेबसी से गुजरे हैं, उसके बारे में सोंचने की भी हिम्मत नहीं पड़ती. इस त्रासदी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कह चुके हैं कि सौ साल बाद आई इतनी भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही है. उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने एक अदृश्य दुश्मन है. हम अपने बहुत से क़रीबियों को खो चुके हैं. ऐसे में वो देशवासियों का दर्द समझते हैं.’
इसके बावजूद जिन लोगों का धैर्य जवाब दे चुका है उनकी मनोदशा में अभी तक कोई खास सुधार नहीं आया है. इसकी वजह उस कहावत से भी समझी जा सकती है कि ‘जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई’ यानी जिसके ऊपर तकलीफ बीतती है उसका दर्द सिर्फ वही जानता है.’ ऐसे में यूपी के मेरठ से एक ऐसा ही ह्रदय विदारक मामला सामने आया है जहां कोरोना महामारी ने जुड़वां भाइयों को छीन कर मां-बाप को बेसहारा कर दिया.
जुड़वा भाइयों की सैड स्टोरी
india.com की रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ में रहने वाले ग्रेगरी रेमंड राफेल (Gregory Raymond Raphael ) और उनकी पत्नी सोजा (Soja) के दोनों बेटे इंजीनियर थे, जिनका नाम जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी था. दोनों ने पिछले महीने की 23 अप्रैल को अपना 24वां जन्मदिन मनाया था, लेकिन कोई नहीं जानता था कि ये उनकी जिंदगी का आखिरी जश्न होगा. जन्मदिन के अगले दिन ही वो कोरोना का शिकार हो गए और अब 13 और 14 मई को दोनों भाइयों की कोरोना से मौत हो गई. दोनों एक साथ दुनिया में आए और एक ही बीमारी (disease) से लगभग एक साथ दुनिया को अलविदा कह दिया.
कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of corona) की त्रासदी में कई परिवार पूरी तरह कोरोना की भेंट चढ़ गए. देश के कई शहरों में ऐसे मामले सामने आए जहां परिवार में कोई भी नहीं बचा. ऐसे माहौल में पूरे देश को अपने आस-पड़ोस के लोगों का हौसला बढ़ाने की जरूरत है. इसलिए नेक काम में लोगों से जितना बन पड़े उन्हें अपने आस-पड़ोस और दूसरों की मदद करनी चाहिए ताकि लोगों को कोरोना के मेंटल ट्रामा से उबारा जा सके.
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