24 घंटे में मिलने वाले मरीजों की संख्या में आई गिरावट… अस्पतालों में मिलने लगे बेड और इंजेक्शन भी
इंदौर। लगातार डेढ़ से दो हजार नए कोरोना मरीज (Corona patient) हर 24 घंटे में मिल रहे थे, जिसमें अब गिरावट आने लगी है और कई दिनों के बाद यह आंकड़ा 1307 पर पहुंचा। पॉजिटिविटी (positivity) रेट 10 फीसदी तक घट गया है और इंदौर तेजी से स्वस्थ (healthy) भी होने लगा, क्योंकि अब नए मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा लगभग दो गुना तक पहुंच गया है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन (Oxygen) , इंजेक्शन भी उपलब्ध होने लगे और सोशल मीडिया (social media) पर लगातार जो मांग आ रही थी, वह भी बहुत घट गई है। फिलहाल 13675 मरीज उपचाररत बताए गए, जिनमें होम आइसोलेशन और अस्पतालों के मरीज भी शामिल हैं। कल भी 9751 सैम्पलों की जांच में 8386 नेगेटिव मरीज मिले। लिहाजा आज से जनता कफ्र्यू 29 मई तक तो बढ़ाया, मगर उसमें कई रियायतें भी दे दी गईं।
सबसे ज्यादा कोरोना मरीज (Corona patient) अप्रैल के महीने में इंदौर में मिले और लगभग 42 हजार से ज्यादा घोषित मरीज बताए गए। हालांकि यह आंकड़ा अनधिकृत रूप से 60 हजार से ज्यादा आ रहा है। यानी हर 24 घंटे में औसतन 2 हजार मरीज इंदौर में बढ़े और आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में उपचार के लिए मरीज इंदौर आए, जिसके चलते शहर के सारे अस्पताल भर गए और एक-एक बेड के लिए मरीजों और परिजनों को तरसना पड़ा। इसके चलते कई मरीजों की मौत भी हो गई, क्योंकि बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन का भी जबरदस्त टोटा था, लेकिन अब ऐसा लगता है कि इंदौर सेकंड पीक के उतार पर है और मरीज तेजी से स्वस्थ भी हो रहे हैं। बीते हफ्तेभर से ही हालांकि बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन की मारामारी घट गई। हालांकि ब्लैक फंगस जैसी बीमारी ने नया डर भी पैदा कर दिया है। कई दिनों के बाद 1307 मरीज मेडिकल बुलेटिन में बताए गए और अस्पताल से स्वस्थ होकर घर लौटे मरीजों की संख्या भी 24 घंटे में 2512 रही। यानी नए मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। इंदौर में अभी तक 1 लाख 39 हजार पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिनमें से 1 लाख 24 हजार से अधिक स्वस्थ हो गए और मरने वालों का आंकड़ा 1269 बताया गया है। हालांकि इससे चार गुना से ज्यादा मरीजों की मौत हुई है, मगर अब जो ट्रेंड लग रहा है, उसके मुताबिक सेकंड पीक का उतार है और इलाज की सुविधा भी मिलने के चलते स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी। अन्यथा रिकवरी रेट भी घट गया था और पॉजिटिव रेट 23 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जो अब 10 फीसदी घटकर 12-13 पर आ गया है।
30 टन का ऑक्सीजन टैंकर कल से खड़ा… इंदौर सहित आसपास के जिलों की मांग भी घटी
यह भी अच्छी बात है कि इंदौर में अब ऑक्सीजन (Oxygen) की कोई किल्लत नहीं है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने 16-18 घंटे जुटकर ऑक्सीजन (Oxygen) की सप्लाय को बहाल रखा, अन्यथा देश के कई शहरों में बड़ी संख्या में मरीजों की मौत ऑक्सीजन कमी के कारण हुई। इंदौर में 120 टन के आसपास अभी मांग बनी है, मगर आपूर्ति बढ़ गई। यहां तक कि कल 30 टन का ऑक्सीजन टैंकर जो जामनगर से आया और भरा हुआ है, अभी तक खड़ा हुआ है। इंदौर सहित आसपास के सारे जिलों से ऑक्सीजन लेने को कहा तो सभी ने इनकार कर दिया कि उनके सारे ऑक्सीजन (Oxygen) के सिलेंडर और टैंक भरे हुए हैं। अब आज इस टैंकर (taker) को खाली करवाकर रवाना करेंगे। दरअसल इंदौर में क्रायोजैनिक टैंकर नहीं है, जिसमें ऑक्सीजन को स्टोर कर रख सकें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved