आरा। पूरे देश में कोरोना संक्रमण(Corona Virus infection) उफान पर है. बिहार(Bihar) में भी संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. मौत के आंकड़े (Death Rate) भी बढ़ रहे हैं. उसके बाद भी कुछ नेता और अधिकारी इस आपदा में अवसर की तलाश करने में लगे हुए है. कुछ ऐसा ही मामला केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री (Union Minister of State for Health, Family Welfare) अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) के संसदीय क्षेत्र बक्सर में भी देखने को मिला. साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की पहल पर एसजेवीएन कंपनी के द्वारा सीएसआर फंड से जिला स्वास्थ्य समिति को 6 एंबुलेंस गिफ्ट किया गया था.
चुनाव जीतने के बाद मंत्री ने सभी 6 एंबुलेंस को जिला स्वास्थ्य समिति से वापस लेकर एचएलएल कंपनी को हैंडओवर करने का पत्र जारी कर दिया. लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण वह कंपनी एंबुलेंस को बक्सर से बाहर नहीं ले जा पायी. नतीजतन 1 साल से अधिक समय तक एंबुलेंस सदर अस्पताल कैंपस में ही धूल फांकती रही.
इसी बीच 8 अप्रैल 2021 को मोदी के मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) ने विभागीय पत्र जारी कर बक्सर सिविल सर्जन को एसजेवीएन कंपनी द्वारा गिफ्ट किए गए 6 एंबुलेंस में से 5 एंबुलेंस धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर करने का निर्देश दे दिया. जिसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने 5 एंबुलेंस हैदराबाद के एनजीओ धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर कर दिया और सभी एंबुलेंस बक्सर से बाहर भेज दिया गया. कोरोना काल में एबुलेंस की कमी के बीच ये बात जैसे ही विपक्षी पार्टी के कानों में गई, मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया. बक्सर सदर विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने जिला अधिकारी से लेकर बक्सर अनुमंडल पदाधिकारी तक को पत्र लिखकर 48 घंटे के अंदर एंबुलेंस वापस नहीं आने पर अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा की. विधायक के इस घोषणा के बाद मंत्री ने फिर राजनीतिक चाल चली और सभी पांचों एंबुलेंस आए तो जरूर लेकिन नई स्टीकर लगा कर. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने वर्चुअल तरीके से एंबुलेंस का उद्घाटन किया. ऐसे में बक्सर कांग्रेस के सदर विधायक मुन्ना तिवारी ने कहा कि ये मनगढ़ंत एंबुलेंस है. पहले एसजेवीएन कंपनी ने छह एंबुलेंस दिया था, बाद में एक का एक्सीडेंट हो गया जो आरा में खड़ी है. उन्होंने कहा कि पांच एंबुलेंस जिंदा हैं. नया स्टिकर लगाकर उसका उद्घाटन करना या जनता को मूर्ख बना देना ये चौबे जी का काम है. कोरोना काल में ये एंबुलेंस छुपाकर रखना और जब मैंने अल्टीमेटम दिया तो इनका उद्घाटन कर दिया गया ये कहां तक न्यायपूर्ण है. बहरहाल बक्सर सिविल सर्जन ने भी कहा कि ये वही एंबुलेंस है जिसको धनुष फाउंडेशन को हैंडओवर किया गया था. ये हम लोगों के गाइडलाइन के अनुसार चलेगा. ये केंद्र सरकार के कहने पर किया गया था. हालांकि ये मामला अभी तूल पकड़ता ही जा रहा है. इस मसले पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री को आड़े हाथों लिया है, जिससे पूरे बिहार में भी जबरदस्त किरकिरी हो रही है. तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में कहा, हद हो गई! बक्सर के MP केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री चौबे जी भागलपुर वाले ने एक ही ऐंबुलंस का एक बार नहीं 4 बार उद्घाटन किया लेकिन एक बार भी ऐंबुलंस नहीं चली. किसी को गिफ्ट कर दी. अपने ही क्षेत्रवासियों के साथ यह ठगी करते है तो देश के साथ क्या करते होंगे?